International Day for Disaster Reduction : आए दिन लाखों लोग किसी न किसी आपदा के शिकार होकर मौत के गाल में समा जाते हैं। हर वर्ष प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के कारण तबाही का जो मंजर नजर आता है, वह भयावह है। हालांकि वैश्विक स्तर पर सरकारें यह भयावहता व इससे होने वाले नुकसान को महसूस कर रही हैं। इसके लिए योजनाएं और निवारक उपाय किए जा रहे हैं ताकि आपदाओं का जोखिम कम से कम हो।
अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस
आपदाओं के बढ़ते जोखिम के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाने व इससे निपटने की तैयारी को बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है ‘अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस’। आज इस दिशा में एक वैश्विक संस्कृति को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हर वर्ष 13 अक्टूबर को इस बात को सजगता से याद किया जाता है ताकि हम आपदाओं की संवेदनशीलता को कम करने में संवेदनशील ही नहीं बल्कि प्रयास के लिए आगे आएं।
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कब हुई शुरुआत
आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Disaster Reduction) को मनाने की शुरुआत वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई थी। इस दिन की स्थापना के लिए वर्ष 2002 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के एक हिस्से के रूप में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विभिन्न विश्व सम्मेलन का भी आयोजन किया है।
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सतत प्रगति की जरूरत
हाल के वर्षों में हुए भारी जलवायु परिवर्तन ने कई प्राकृतिक आपदाओं को जन्म दिया है। यह सही समय है जब हम आपदा न्यूनीकरण की तरफ तेजी से अग्रसर हों और सटीक उपाय की तलाश की जाए। इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय आपदा दिवस (International Day for Disaster Reduction) जीवन, स्वास्थ्य व आजीविका में नुकसान रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस दिशा में अधिक से अधिक कार्य व प्रगति की आवश्यकता है।
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