
Nipah Virus Symptoms: भारत के दक्षिणी राज्य केरल में रविवार 21 जुलाई को मलप्पुरम जिले में 14 वर्षीय एक लड़के की निपाह वायरस के कारण मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यह जानकारी दी। मृतक पांडिक्कड़ शहर का रहने वाला था, उसे सुबह 10:50 बजे दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
ऐसे में आइए जानते है क्या हैं निपाह वायरस-
निपाह वायरस का इतिहास
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वायरस की पहली बार पहचान 1999 में मलेशिया में सुअर पालने वाले किसानों में महामारी के दौरान हुई थी। हालांकि, तब से मलेशिया में कोई नया प्रकोप नहीं हुआ है। 2001 में, बांग्लादेश में इस महामारी के मामले सामने आए थे और तब से लगभग हर साल उस देश में प्रकोप होता रहा है। पूर्वी भारत में भी समय-समय पर इस बीमारी की पहचान की गई है। कई अन्य क्षेत्रों में भी संक्रमण का खतरा हो सकता है, क्योंकि वायरस के वाहक (पेरोपस चमगादड़ प्रजाति) और कई अन्य चमगादड़ प्रजातियाँ कंबोडिया, घाना, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड सहित कई देशों में पाई गई हैं।
मनुष्यों में निपाह वायरस के लक्षण
- डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मनुष्यों में निपाह वायरस का संक्रमण हल्के संक्रमण से लेकर तीव्र श्वसन संक्रमण तक हो सकता है, कई मामलों में एन्सेफलाइटिस जानलेवा स्तर तक पहुँच सकता है।
- संक्रमित लोगों में शुरू में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके बाद चक्कर आना, उनींदापन, चेतना में बदलाव और तीव्र एन्सेफलाइटिस का संकेत देने वाले तंत्रिका संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं।
- कुछ लोगों को असामान्य निमोनिया और गंभीर श्वास संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं, जिसमें तीव्र श्वसन संकट शामिल है। जो 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में बदल जाते हैं।
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