Pravasi Bharatiya Diwas : देश में हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के रूप में भारत से बाहर रहने वाले लोगों को सम्मान दिया जाता है। भारतीय प्रवासियों को पुरस्कार देकर उन्हें भारतीय होने का अहसास कराया जाता है। मगर आप शायद ही जानते होंगे कि यह तिथि महात्मा गांधी से जुड़ी हुई है। आईए जानते हैं कि महात्मा गांधी से संबंधित प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है…
महात्मा गांधी भी थे प्रवासी भारतीय
दरअसल, 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। महात्मा गांधी को एक भारतीय प्रवासी के रूप में देखते हुए उन्हें उचित सम्मान दिया जाता है। देश वापसी करने के बाद उन्होंने भारत को आजाद कराने की जिम्मा उठाया और स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। उनके प्रयास से भारतीयों का जीवन और भविष्य दोनों ही बदल गया था। महात्मा गांधी को सम्मान देने के लिए 9 जनवरी की तारीख को इसलिए चुना गया। इस दिवस को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में देखा जाने लगा।
अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी नींव
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत करने की घोषणा की थी। महात्मा गांधी के साथ ही भारत का मान बढ़ाने वाले भारतवंशियों को सम्मानित करने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार 9 जनवरी 2003 को सेलिब्रेट किया गया था। इसके बाद कई बार इसकी तारीखों में बदलाव करने की कवायदें चली और 7 जनवरी को मनाया गया। मगर कुछ सालों बाद फिर से 9 जनवरी को समान रूप से प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का ऐलान हो गया।
थीम के अनुसार होता है सम्मेलन
हर साल 9 जनवरी को भारतीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने के लिए हर बार एक नया और खास थीम चुना जाता है। इस थीम के अनुसार ही भारत सरकार की ओर से सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। यह थीम भारतीय प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सभ्यता को दर्शाने वाली होती है।
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