
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव काफी रोचक बनता जा रहा है। चुनाव प्रसार के दौरान जहां जातीय और वर्गीय गोलबंदी की झलक दिखी तप वहीं महिलाओं की जमकर अनदेखी भी हुई। कसी भी पार्टी ने महिला वोट के लिए कोई चुनावी वादा नहीं किया है। चुनाव का प्रचार तो गुरुवार को समाप्त हो गया, मगर राजनीतिक पार्टियों की सियासी किस्मत तय करने में महिलाएं बड़ा रोल प्ले कर सकती हैं। ये हम नहीं कह रहे, ये हक़ीक़त टिकट वितरण के आंकड़े बता रहे हैं। आइए अब जरा राजस्थान विधानसभा चुनाव का भूगोल समझते हैं।
दबाव में बंट सकते हैं महिला वोट
राजस्थान विधानसभा चुनाव प्राचार की खास बात यह है कि चुनाव अभियान में नजर आयी इस दो स्तरीय गोलबंदी में सत्ता की दावेदार दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा की अपनी-अपनी पैठ और हिस्सेदारी है। लेकिन इस अभियान में दोनों ही पार्टी ने महिलाओं की वोटों में हिस्सेदारी को कोई तवज्जो नहीं दी। जबकि वोटरों की संख्या में महिलाएं तिहाई प्रतिशत में आती हैं। ऐसे में चुनाव में किए गए वादों में यदि महिलाओं के हित शामिल नहीं होंगे तो जाहिर है महिला वोट दबाव में बंट जाएंगे।
महिलाओं को भूली चुनावी पार्टियां
बीजेपी के संकल्प पत्र से पहले राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की तरफ से गारंटियों का ऐलान कर दिया गया था। लेकन चुनाव के प्रचार के दौरान उन वादों का जिक्र भी नहीं था। जबकि महिला वोटर्स को अपनी तरफ करने के लिए खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार के मैदान में उतरी हुई हैं। प्रियंका ने कांग्रेस की सात गारंटियों में से महिलाओं पर केवल दो गारंटियों का ऐलान किया।
कांग्रेस ने महिलाओं को दी 7 में एक गारंटी
राजस्थान में कांग्रेस ने जिन सात गारंटियों का ऐलान किया है उनमें शामिल हैं। जिसमें गृह लक्ष्मी गारंटी योजना शामिल है। इसके तहत परिवार की हर महिला मुखिया को दो से तीन किश्तों में सालाना 10 हजार रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस ने किसानों के लिए गौधन योजना और छात्रों के लिए टेबलेट वितरण योजना की घोषणा की है। साथ अशोक गहलोत सरकार ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए 500 रुपये गैस सिलेंडर देने का वादा किया है।
मोदी गारंटी में महिलाओं को केवल सांत्वना
कांग्रेस की सात गारंटियों के एलान के बाद भाजपा भी मोदी गारंटी लेकर चुनावी मैदान में उतरी। यहां भाजपा भी महिलाओं से जुड़े वादों में एक दूसरे से केवल आगे निकलने का प्रयास करते दिखाई दी। मगर जब महिलाओं को टिकट देने की बारी आई तो बीजेपी ने राजस्थान में 200 सीटों में से महज 20 महिलाओं प्रत्याशियों को टिकट दिया।
राजस्थान का बड़ा महिला वोट बैंक
राजस्थान में महिलाओं का बड़ा वोट बैंक। प्रदेश में 60 से लेकर 99 आयु वर्ग के मतदाताओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं आगे हैं। यानि जैसे-जैसे आयु वर्ग बढ़ता है वैसे-वैसे महिला मतदाताओं की संख्या भी बढ़ती जाती है। सबसे बड़ा फर्क 90 से 99 आयु वर्ग में देखने को मिल रहा है। इस आयु वर्ग में महिला वोटरों की संख्या पुरुषों के मुकाबले करीब 3 गुना है।
राजस्थान में महिला वोट देगा झटका
ऐसे में इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि महिलाएं राजस्थान में वोट बैंक गिरा भी सकती हैं और बना भी सकती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश की आधी आबादी 2023 में किस पार्टी को जनादेश देती है और किन पर अपना भरोसा जताती है। प्रदेश की महिलाएं किस पार्टी के वादों पर विश्वास करती है और किस पार्टी को अपना समर्थन देकर सत्ता की चाबी सौंपती है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter, Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबर।