Arti Singh Tanwar Interview: फर्ज से समझौता नहीं मंजूर

Arti Singh Tanwar Interview: एक महिला का पुलिस की नौकरी में होना बड़ी बात नहीं पर यह आसान भी नहीं। देश के प्रति‍ फर्ज निभाने का जज्‍बा ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। आरती सिंह तंवर से एक बातचीत।

Arti Singh Tanwar Interview: नौकरी यदि संतोषजनक हो तो अच्‍छा है पर यदि वह आत्‍मसम्‍मान बढ़ाए, खुद पर गर्व महसूस हो तो उससे अच्‍छी चीज कुछ नहीं। कुछ ऐसा ही मानना है राजस्‍थान पुलिस (Rajasthan Police) में सब इंस्‍पेक्‍टर (Sub Inspector) आरती सिंह तंवर का। बता दें कि‍ आरती सिंह पुलिस में होने के साथ-साथ एक सोशल मीडिया इंफ़लुएंशर भी हैं।

वे युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। वे पुलिस की नौकरी में आने के इच्‍छुक युवाओ को अपने वीडियो के माध्‍यम से निरंतर प्रेरित करती रही हैं। हाल ही में उन्‍होंने विधान न्‍यूज से एक विशेष बातचीत की।

कर्तव्‍य है प्राथमिकता

आरती सिंह (Arti Singh Tanwar Interview) कहती हैं कि अच्छे जीवन के लिए नौकरी करना आम बात है। पर कुछ नौकरियां ऐसी भी हैं जिनको करने वाला न सिर्फ़ खुद को बहुत ही गौरवान्वित अपितु जीवन को सार्थक महसूस करता है। ऐसी ही नौकरियों में से एक है पुलिस की नौकरी। वह यह भी जोड़ती हैं कि पुलिस की नौकरी करना सबके बस की बात नहीं है। साथ ही किसी भी निजी काम को छोड़कर देश के प्रति अपने फर्ज को निभाना ही पड़ता है। इससे समझौता मंजूर नहीं है।

गलती सबसे होती है

घर-परिवार की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही पिछले दस वर्षों से विभाग में अपनी दमदार छवि के लिए प्रतिष्ठित आरती सिंह तंवर ने एक विशेष बातचीत में बताया कि ऐसा नहीं है कि विभाग में काम करने वाले सभी पुलिस वाले गलती करते हैं या फिर सभी गड़बड़ी करते हैं।

किसी एक की गलती को आधार बनाकर पूरे विभाग पर प्रश्न चिह्न लगाना उचित नहीं होता है। चैनल, पोर्टल और समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली पुलिस से संबंधित खबरों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक कोई दोषी साबित नहीं हो जाए तब तक उसके विरुद्ध नकारात्मक लिखना व प्रसारित करना उचित नहीं है।

अच्‍छी खबर का प्रसारण हो

आरती सिंह (Arti Singh Tanwar Interview) ने बताया कि किसी पर दोषारोपण करना बहुत आसान पर है पर एक गलत खबर से उसका करियर तो बर्बाद होगा ही, साथ ही उसके परिवार का जीवन भी बिखर सकता है। पुलिस हो या कोई भी विभाग का अधिकारी यदि उसने गड़बड़ किया है तो उसे जग जाहिर करना मीडिया का कर्तव्य है। लेकिन कोई पुलिस वाला यदि अच्छा काम करता है तो उसे भी प्रमुखता से अखबार में प्रकाशित और चैनल पर प्रसारित करना चाहिए। हालांकि ऐसा मीडिया ने किया भी है।

कोविड के दौरान

आरती सिंह तंवर उस समय को याद करती हैं जब भारत सहित पूरा विश्व कोविड के महाप्रकोप से ग्रसित था। हमारे देश में राजस्थान सहित हर राज्य के पुलिसकर्मी ने अपने प्राणों की चिंता करने के बजाय जनता की चौबीस घंटे सेवा की थी। हमारी पुलिस के मानवीय चेहरे, व्यक्तित्व और अद्भुत निस्वार्थ व निडर सेवा भक्ति भाव को हाईलाइट करने में मीडिया ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उनके अनुसार, मीडिया को इस तरह का उत्साहवर्धन करते रहना चाहिए ताकि सकारात्मक माहौल बना रहे।

आदर्श समाज के लिए

यह सही है कि सभी के योगदान और सामंजस्य से ही आदर्श समाज का निर्माण संभव है।आरती सिंह के अनुसार, पुलिस विभाग में काम करने का तरीका बदला है, पारदर्शिता बढ़ी है। जनता के प्रति मित्रवत व्यवहार और बातचीत करने के लिए स्वस्थ वातावरण बनाने पर जोर दिया जा रहा है। और इस उद्देश्य की पूर्ति में हमारा चतुर्थ स्तम्भ मीडिया ही जनता और प्रशासन के मध्य एक सार्थक सेतु का कार्य कर सकता है।

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