Ramayan Saree: इस साड़ी में छपी है पूरी रामायण, रामलला को दी जाएगी भेंट

Ramayan Saree: इस राममय साड़ी को बनाने में 12 कारीगरों ने 3 महीने का समय लिया। विकास के अनुसार कारीगरों ने मेहनताना नहीं लिया है।

Ramayan Saree: श्री राम भगवान की जीवन गाथा का संपूर्ण काव्य रामचरितमानस में मिलता है। अपने श्री राम और सीता का रामायण चित्रण टेलीविजन शो और फिल्मों में भी देखा होगा। मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि एक साड़ी में भी पूरी रामायण देखने को मिल सकती है। हैरान हो गए ना! लेकिन यह सच है। काशी में एक ऐसी साड़ी बनाई गई है, जिसमें बालकाण्ड से लेकर उत्तरकांड तक का मनमोहक चित्रण किया गया है। यह साड़ी राम मंदिर में विराजित श्री राम लला को भेंट की जाएगी। आईए जानते हैं कि इस साड़ी में कितने चित्र उकेरे गए हैं…

काशीवासियों ने बनाई रामायण साड़ी 

22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन है। इससे पहले भगवान श्री राम 18 जनवरी को गर्भ ग्रह में प्रवेश कर चुके हैं। इसे लेकर काशी में काफी उत्साह है। काशीवासियों की तरफ से बुनकर ने एक साड़ी बुनी है, जिसमें प्रभु श्रीराम के पूरे जीवन का चित्रण किया गया है।

साड़ी में उकेरे हुए हैं 1800 चित्र

साड़ी में श्रीराम के बालकाण्ड से लेकर उत्तरकाण्ड तक का चित्रण किया गया है। साड़ी का बनाने का काम अक्टूबर महीने से शुरू हुआ था जो अब पूरा हुआ है। इस साड़ी को अयोध्या भेजा जाएगा। साड़ी 6.5 मीटर की शुद्ध सिल्क की है। उस पर 1800 चित्रों को उकेरा गया है। साड़ी पर रामचरित मानस के अलग-अलग प्रसंगों का जिक्र है।

त्रिदेव बनारस वालों की है साड़ी 

राममय हो चुकी शिव की काशी में यह साड़ी चौक स्थित त्रिदेव बनारस नाम की साड़ी के दुकान के मालिक विकास ने इसे तैयार कराया है। विकास के अनुसार, साड़ी काशीवासियों की तरफ से प्रभु राम के लिये छोटा सा उपहार है। इसे प्रभु श्रीराम को अर्पण करने के उद्देश्य से बनाया गया है। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि साड़ी इतनी भव्य बन जाएगी। लेकिन भगवान राम के आर्शीवाद के कारण ऐसा संभव हो पाया।

3 महीने में तैयार हुई साड़ी

इस राममय साड़ी को बनाने में 12 कारीगरों ने 3 महीने का समय लिया। विकास के अनुसार कारीगरों ने मेहनताना नहीं लिया है। 22 जनवरी को रामलला के चरणों में साड़ी को अर्पित किया जाएगा। इसके अलावा काशी के नाविकों ने 22 जनवरी को लोगों को गंगा में मुफ्त सैर कराने की घोषणा की है।

सूरत से भी आई है रामायण छपी साड़ी

काशी से पहले गुजरात के सूरत से भी इस तरह की साड़ी राम लला को भेंट की गई है। सूरत से आई साड़ी में राम मंदिर के प्रांगण की आकृतियां उकेरी गई हैं।

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