
UK Election Labour Party Keir Starmer: ब्रिटेन में तकरीबन 14 साल बाद सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। ब्रिटेन की सत्ता की चाभी कंजर्वेटिव पार्टी के हाथों से निकलकर लेबर पार्टी के पास आने जा रही है। कंजर्वेटिव पार्टी के ऋषि सुनक की हार के बाद के लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। ऋषि सुनक ने हार मानते हुए कीर स्टार्मर को नई पारी के लिए बधाई दी है।
50 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है। इससे पहले साल 1997 में लेबर पार्टी के टोनी ब्लेयर को ऐतिहासिक सफलता मिली थी। तब लेबर पार्टी ने 650 में से 419 सीटें जीती थीं।
चुनाव में लेबर पार्टी को ऐतिहासिक जीत
ब्रिटेन में बहुमत के लिए 326 सीटें जरूरी है। लेबर पार्टी को 410 सीटें मिली हैं और सीटों की संख्या बढ़ भी सकती है। नॉर्थ लंदन से जीतने वाले स्टार्मर ने कहा कि ‘परिवर्तन यहीं से शुरू होता है, क्यों आपका लोकतंत्र, आपक समुदाय और आपका भविष्य यही है और आपने इसी के लिए अपना वोट दिया है।’
गरीब परिवार से आते हैं कीर स्टार्मर
लंदन के बाहरी इलाके में पैदा लेने वाले स्टार्मर गरीब परिवार से आते हैं। स्टार्मर पेशे से वकील हैं और फुटबॉल को काफी पसंद करते हैं। चुनाव में जीत के बाद स्टार्मर ने कहा है कि हमने कर दिखाया। ब्रिटेन में पिछले 14 साल से कंजरवेटिव पार्टी सत्ता में थी। स्टार्मर ने मुख्य तौर पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य नीति को बदलने की बात कही थी। चुनाव प्रचार के दौरान स्टार्मर लोगों से यही कहते थे कि वो बदलाव के लिए वोट करें और ब्रिटेन की जनता ने सही में बड़ा बदलाव किया है।
स्टार्मर का बचपन बहुत सुखद नहीं रहा
अक्सर बीमार रहने वाली मां और परिवार में इमोशनली कटे रहने वाले पिता के साथ गरीबी में पैदा हुए स्टार्मर पूर्वी इंग्लैंड के सरी में ऑक्सटेड नामक एक छोटे शहर में पले-बढ़े हैं. उनके पिता एक फैक्ट्री में मैकेनिक और माता अस्पताल में नर्स थीं। स्टार्मर मां एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं, जिसके कारण स्टार्मर का बचपन बहुत सुखद नहीं रहा। उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिंदगी के जद्दोजहद के बीच स्टार्मर ने 1985 में लीड्स विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसी के साथ स्टार्मर विश्वविद्यालय जाने वाले परिवार के पहले सदस्य बन गए।
पेशे से वकील है कीर स्टार्मर
कीर स्टार्मर ने अपना करियर ह्यूमन राइट्स वकील और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के साथ शुरू किया था। पब्लिक प्रसिक्यूशन के डायरेक्टर स्टार्मर ने कई सांसदों के खर्च और फोन-हैकिंग घोटालों समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों को संभाला। स्टार्मर के दो बच्चे हैं। स्टार्मर पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग-अलग रखते हुए वैलेंस बनाकर चलते हैं। वो वीकेंड में अपने परिवार और बच्चों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। साथ ही वो खूब हंसी मजाक करने वाले इंसान के तौर पर भी जाने जाते हैं।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने दी नाइट की उपाधि
साल 2020 में स्टार्मर ने जेरेमी कॉर्बिन के कार्यकाल के बाद पार्टी को सेंटर स्टेज पर वापस लाने का काम किया। 2015 में पहली बार सांसद बनने वाले स्टार्मर को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने नाइट की उपाधि दी थी, जिसे वो कम ही प्रयोग करते हैं।
अवसरवादी नेता के तौर पर जाने जाते हैं स्टार्मर
स्टार्मर के आलोचक उन्हें एक अवसरवादी नेता के तौर पर पेश करते हैं जिनसे कोई प्रेरणा नहीं ली जा सकती और जो किसी एक मसले पर बार बार रुख बदलते हैं। स्टार्मर का एक स्टेटमेंट काफी मशहूर है- ‘यदि आप बिना किसी प्रीवेलज के पैदा हुए हैं, तो आपके पास गड़बड़ करने का समय नहीं है।’
मुफ्त में लड़ते हैं गरीबों का केस
कहते हैं वकीन बनने के बाद स्टार्मर ने काफी समय तक गरीबों को मुफ्त कानूनी सलाह दी और कई बड़े मामलों की पैरवी की। उन्हें मानवाधिकारों से जुड़े मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। ऋषि सुनक की तरह उनके पास भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का बैकग्राउंड है, जहां उन्होंने कानून की पढ़ाई की और लेबर पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में डायरेक्टर ऑफ पब्लिक प्रोसेक्यूटर (डीपीपी) की रैंक तक पहुंचे।
ब्रिटेन की जनता से किए हैं कई बड़े वादें
आम चुनाव के लिए कीर स्टार्मर का थीम और मैसेज था- ‘अगर आप बदलाव चाहते हैं तो आपको इसके लिए मतदान करना होगा’। स्टार्मर ने कई बड़े वादे भी किए जैसे 1.5 मिलियन नए घर बनाने का वादा, कानून में सुधार, शिक्षा में बदलाव, निजी स्कूलों के लिए कर छूट की घोषणा.. जैसे किया गया वादा भी उनके लिए काफी अहम रहा है।
विदेश नीति में ले सकते हैं बड़ा फैसला
जानकारों का मानना है कि ब्रिटेन की सत्ता में लेबर पार्टी के आने से इजरायल को हथियारों की बिक्री रुक सकती है साथ ही फिलिस्तीनी को एक देश के रूप में ब्रिटेन मान्यता दे सकता है।
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