Dharmik Tips: हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान की पूजा पाठ के दौरान प्रसाद चढ़ाना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। भगवान को भोग लगाई गई वस्तु को सभी प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। लेकिन लोग भगवान का प्रसाद बनाते और उसे भोग लगाते समय कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसके कारण उन्हें उनकी पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। शास्त्रों में भगवान के प्रसाद को तैयार करने और भोग लगाने के कुछ नियम बताए गए है जिनका ध्यान रखना अति आवश्यक है।
प्रसाद में इन चीजों का भूलकर भी न करें इस्तेमाल
भगवान को चढ़ाए जाने वाला प्रसाद हमेशा सात्विक होना चाहिए। इसमें लहसुन, प्याज आदि का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि भगवान के भोग के लिए बनाई जाने वाली सामग्री में भूलकर भी तामसिक चीजें जैसे मांस-मदिरा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से भगवान रूस हो जाते हैं और हमारे जीवन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
स्वच्छता से तैयार करें भगवान का प्रसाद
भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को बनाते समय साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रसाद बनाते समय खुद तन-मन की सफाई और रसोई की अच्छी तरह से सफाई होनी चाहिए। प्रसाद हमेशा स्नान करके और साफ कपड़े पहन कर ही तैयार करना चाहिए।
भगवान को इन्ही पात्रों में प्रसाद चढ़ाना चाहिए
भगवान को कभी भी लोहे, स्टील, एल्युमिनियम या प्लास्टिक के पात्र में प्रसाद नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से पूजा में फल की प्राप्ति नहीं होती। भगवान का भोग हमेशा सोने चांदी तांबे या पीतल के पात्र में लगाना चाहिए। भोग लगाने के लिए मिट्टी या फिर लकड़ी के पात्र का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पूजा समाप्त होने के बाद भगवान के प्रसाद को लेकर लोगों में जरूर बांटना चाहिए। प्रसाद को देर तक मंदिर में नहीं छोड़ना चाहिए नहीं तो उसमें नकारात्मकता आ जाती है।
(यह खबर विधान न्यूज़ के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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