Whisky/Wine Facts: एक जैसे रंग की क्यों होती है हर व्हिस्की, ज्यादातर लोग व्हिस्की पीते हैं आपने भी कभी गौर किया होगा कि सभी व्हिस्की का रंग एक ही जैसा होता है। आज हम आपको बताएंगे कि हर व्हिस्की एक जैसे रंग की क्यों होती है
व्हिस्की के गोल्डन रंग की एक महत्वपूर्ण वजह है वुडन बैरल। बता दें किजब व्हिस्की बनाई जाती है तो उसका रंग पहले क्रिस्टल कलर होता है लेकिन इसे कई सालों तक वुडन बैरल में रखा जाता है। जिससे उसका रंग बदल जाता है। इसके कारण व्हिस्की का रंग हल्की पीला हो जाता है, जो नेचुरल होता है।
किस चीज से महंगी हो जाती है शराब?
शराब की महंगाई उसके प्रकार, गुणवत्ता, उम्र, और ब्रांड पर निर्भर करती हैआइए आपको बताते हैं कुछ विशेष कारण शराब महंगी होने के
इस वजह से होती है मंहगी दारू
प्रमुख ब्रांड और विशेष लेबल वाली शराब अक्सर महंगी होती हैं। एज्ड व्हिस्की और अन्य शराबें जो वुडेन बैरल में रखी जाती हैं, जिसके कारण शराब महंगी हो सकती हैं
विशेष रेयर शराबें जैसे कि विंटेज वाइन भी महंगी हो सकती हैं। अल्कोहल की मात्रा भी महंगाई पर प्रभाव डालती है। उच्च अल्कोहल वाली शराब अक्सर महंगी होती हैं। शराब की विशेष विशेषताएं जैसे कि एजिंग, फ्लेवर और रेयरिटी भी महंगाई पर प्रभाव डालती हैं।
सेहत के लिए हानिकारक
शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है इसके बाद भी दिन ब दिन इसकी खपत बढ़ती ही जा रही है। कोरोना के दौरान जहां जरूरी चीजें भी मिलनी मुश्किल थी उस दौर में भी शराब की दुकानों को खोला गया। राज्य और केंद्र सरकार दोनों को अल्कोहल से बड़ा रेवेन्यु हासिल होता है और इसकी डिमांड भी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है।
भारत में शराब पूरे दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा शराब बाज़ार है और शराब इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलता है और यह देश के कुल कार्यरत लोगों का 1.5 प्रतिशत है।
हमारे देश में शराब की खपत प्रति व्यक्ति सालाना 9 मिलीलीटर है। साल 2019 में शराब इंडस्ट्री से 70 देशों को 262 बिलियन डॉलर का मुनाफ़ा हुआ था और 23 मिलियन से ज़्यादा लोगों को नौकरियां मिली थीं
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