Best Places to Visit In Alwar: चलें राजस्‍थानी ठाठ के दर्शन करने अलवर

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पूर्वी राजस्थान में बसा है यह शहर। दुर्ग, महल, इमारतों की भव्यता से आप समझ जाएंगे कि आप हैं राजस्‍थान यानी ठाठ वाले शहर में।

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ठाठ बाठ वाला अहसास

अलवर के आकर्षक और कलात्मक स्मारकों में शामिल है मूसी महारानी की छतरी। यह सिटी पैलेस के पीछे सागर जलाशय के किनारे बनी हुई है।

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मूसी महारानी की छतरी (Moosi Maharani ki Chhatri)

संगमरमर के 80 स्तंभों पर टिकी यह अनूठी छतरी मूसी महारानी और तत्कालीन महाराजा बख्तावर सिंह की स्मृति में बनी है।

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बख्‍तावर सिंह की स्‍मृति‍ (Bakhtawar Smriti Alwar)

अलवर प्राचीन मत्स्य प्रदेश का हिस्सा रहा है। इसकी राजधानी विराट नगर थी। मत्स्य प्रदेश को राठ क्षेत्र कहा जाता था, जिसमें आज बहरोड़, नीमराना और मुंडावर के इलाके शामिल हैं।

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मत्‍स्‍य प्रदेश का हिस्‍सा

क्या आपने दुनिया की सब से छोटी एक इंच आकार की कुरान शरीफ देखी है, ऐसा अजूबा आप अलवर में सिटी पैलेस के संग्रहालय में देख सकते हैं।

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ऐसा अजूबा यहीं मिलेगा (Alwar City Palace)

इसी यानी सिटी पैलेस के संग्रहालय के एक हॉल में आयुध सामग्री प्रदर्शित की गई है, जिसका मुख्य आकर्षण अकबर और जहांगीर की तलवारें हैं।

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एक म्‍यान में दो तलवारें

सिटी पैलेस के पीछे एक छोटा, लेकिन खूबसूरत जलाशय है, जिसे सागर कहते हैं। सागर में पानी तक पहुंचने के लिए कलात्मक सीढिय़ां बनी हुई हैं।

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सागर की खूबसूरती

मुगल बादशाह अकबर ने अपने पुत्र सलीम को जिस किले में नजरबंद किया था, वह अलवर स्थित बाला किला ही है। इस दुर्ग में प्रवेश के लिए पांच दरवाजे हैं।

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सलीम यहीं था नजरबंद (Alwar Ka Bala Kila)

अलवर के कंपनी बाग में निर्मित 'शिमला’ अपने नायाब सौंदर्य के कारण जाना जाता है, जो रंग-बिरंगे फूलों से गुंफित लता मंडपों से सजा है।

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सुरम्य 'कंपनी बाग’में शिमला! (Alwar Company Bagh)

अलवर रेलवे स्टेशन के पास बना पांच मंजिला फतेहगंज गुंबद अनायास ही लोगों का ध्‍यान आकर्षित कर लेता है।

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फतेहगंज गुंबद का आकर्षण (Fatehganj Gumbad)

अलवर की राजगढ़ तहसील में स्थित भानगढ़ और अजबगढ़ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व रखते हैं। इसे भुतहा किला कहा जाता है।

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डरावना है यह भुतहा किला (Alwar Bhutiya Kila)

अलवर शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित यह तपस्या-स्थली भर्तृहरि के नाम से विख्यात है। उज्जैन के राजा और महान योगी भर्तृहरि ने अपने अंतिम दिनों में अलवर को ही अपनी तपस्या-स्थली बनाया था।

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राजा भर्तृहरि की तपस्या-स्थली

अलवर से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित सरिस्का अभयारण्य प्रकृति एवं वन्यजीव प्रेमी सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

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टाइगर का दीदार (Sriska National Park, Alwar)

पर्वतों के बीच एक सुरम्य स्थल का नाम है 'सिलिसेड’। यह अलवर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर है।

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सिलिसेड झील (Siliserh Lake, Alwar)

नीमराणा दुर्ग सोलहवीं शताब्दी में बनवाया गया था और 1947 तक इस पर चौहान राजपूतों का अधिकार रहा। अब इस हेरिटेज होटल में रहने का आनंद ही कुछ और है।

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नीमराणा फोर्ट (Neemrana Fort Alwar)

अलवर घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च माह है। निकटतम एयरपोर्ट नई दिल्‍ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।

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कब और कैसे जाएं (Alwar Route)?

विधान हिंदी समाचार

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