अमरूद और इसकी पत्तियों में विटामिन और आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो सर्दी-खांसी से बहुत ही लाभदायक है।
अमरूद और इसकी पत्तियों में विटामिन और आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो सर्दी-खांसी से बहुत ही लाभदायक है।
अन्य फलों की तुलना में अमरूद वजन नियंत्रित करने में मददगार है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बार-बार भूख नहीं लगने देते। अमरूद खाने के बाद पेट भी भर जाता है और कैलोरी भी कम लेनी पड़ती है।
कोरोना के दौर से लोग समझ गए कि इम्यूनिटी बेहतर होना कितना है जरूरी। अमरूद का सेवन करें तो आपका इम्यूनिटी बेहतर रहता है।
अमरूद की पत्तियों में एंटी कैंसर गुण होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। अध्ययन बताते हैं कि अमरूद के पत्ते के तेल में एंटी-प्रोलिफेरेटिव पदार्थ होते हैं जो कैंसर के प्रसार को रोकने में मददगार है।
अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। मांसपेशियों में दर्द से भी राहत दिलाता है।
यदि अवसाद डिप्रेशन है तो खाएं अमरूद। इसमें पाये जाने जरूरी तत्व अवसाद को दूर करने में भी सहायक है।
अमरूद विटामिन-ए, सी व फोलेट से समृद्ध होता है। इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। यदि कम उम्र में आंखों की समस्या होती है इसे जरूर आहार में शामिल कर लेना चाहिए।
अमरूद डायबिटीज से बचाता है। इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है। फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।
अच्छी तरह पके नरम और मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें। इसके बाद छानकर इसके बीज निकाल दें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह-सुबह 21 दिन तक लेने से शरीर में काफी ताकत आती है।
नमक के साथ पके हुए अमरूद को खाने से आराम मिलता है। इसके पेड़ के 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
यदि बवासीर की समस्या है तो आपको अमरूद का सेवन करना चाहिए। बह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है।
5 out of 5