Places to Visit in Govardhan Parikrama
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Places to Visit in Govardhan Parikrama
गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा सप्तकोसी यानी 21 किमी की है। इसे पैदल पूरा करने में 5 से 6 घंटा का समय लगता है। परिक्रमा किसी एक मंदिर में प्रार्थना कर शुरू करने और फिर वापस आकर वहीं समाप्त करने की मान्यता है।
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दानघाटी मंदिर (Daan Ghati Temple Govardhan)
ज्यादातर लोग दानघाटी से गोवर्धन परिक्रमा शुरू करते हैं। दानघाटी मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान कृष्ण अपनी कनिष्ट ऊँगली में पर्वत को उठाये हुए है।
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मानसी गंगा गोवर्धन (Mansi Ganga Govardhan)
गोवर्धन पर्वत से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मानसी गंगा के बारे कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने गौ रुप धारण किए हुए बत्सासुर दैत्य को पहचान यहीं मार डाला था।
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अभय चक्रेश्वर मंदिर (Chakreshwar Mandir Govardhan)
अभय चक्रेश्वर मंदिर में चक्र के आकार में पांच शिवलिंग है। कहा जाता है कि कृष्ण जी ने जब गोवर्धन पर्वत को उठाया था तो उनके भार से गड्ढा हो गया और उसमें पानी भर गया। तब पानी हटाने के लिए शिव जी चक्र के रूप में प्रकट हुए।
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कुशम सरोवर (Kusum Sarovar Govardhan)
कहा जाता है कि द्वापर में यहां फूलों का बगीचा था जहां बरसाना से राधा जी पुष्प तोड़ने के लिए आया करती थी और उसी बहाने श्री कृष्ण से छुप-छुपकर मिलती थीं।
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सुरभी कुंड (Surbhi Kund Govardhan)
गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में खूबसूरत सुरभी कुंड आता है। मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां दिव्य गाय सुरभि इंद्र को अभिषेक के लिए दूध देने के लिए आती थीं।
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राधा-श्याम कुंड (Radha Shyam Kund)
राधा रानी ने अपने कंगन से जमीन खोदकर राधाकुण्ड और कृष्ण जी ने छड़ी से श्यामा कुंड का निर्माण किया था। यहां स्नान मात्र से गौहत्या का पाप भी खत्म हो जाता है। दूर से देखने पर श्याम कुंड का पानी सावरा और राधा कुंड का सफेद दिखाई देता है।
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गिरिराज जी मुखारविन्दु (Giriraj Mukharvind Mandir)
गिरिराज परिक्रमा मार्ग में जतीपुरा गांव में स्थित है। परिक्रमा के दौरान यहां प्रसाद चढ़ाने का काफी महत्त्व है। यहां भगवान गिरिराज जी के मुखारविन्दु में श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम के मुख के दर्शन होते हैं।
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पूंछरी का लोटा (Puchri ka Lota Mandir Goverdhan)
मान्यता है की कृष्ण जी जब ब्रज को छोड़ कर द्वारिका जा रहे थे तब सभी ब्रजबासी जा रहे थे तो भगवान ने अपने सखा पूंछरी का लोटा को वचन दिया की वो 2 दिन में लौट आएंगे तभी से उनका ये सखा उनके लौटने के इंतजार में यहां आज भी विराजमान हैं।
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राधा कृष्ण चरण मंदिर (Radha Krishna Charan Mandir)
परिक्रमा मार्ग के रास्ते में पड़ने बाले इस मंदिर में राधा रानी और भगवान कृष्ण के चरणों के निशान के दर्शन मिलते हैं।
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मान्यता है कि यहां भगवान इंद्र ने 7 गंगा 7 समुद्र का जल लेकर कृष्ण जी का जलाभिषेक किया था।
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मान्यता है कि यहां भगवान इंद्र ने 7 गंगा 7 समुद्र का जल लेकर कृष्ण जी का जलाभिषेक किया था।
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कहा जाता है कि यह वही झील है जहां इंद्र खड़े होकर श्री कृष्ण की प्रार्थना की और उनका अभिषेक किया करते हैं।
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