गुरु मंत्र में किसी देवता का नाम, मंत्र, अंक अथवा शब्द होता है। इसे ही गुरु अपने शिष्य को जप करने के लिए देते हैं।
इसी गुरु मंत्र के माध्यम से शिष्य की आध्यात्मिक उन्नति होती है व अंतत: मोक्ष प्राप्ति करता है।
गुरु मंत्र को गुप्त रखने की परंपरा है।
मान्यता है कि गुरू के द्वारा दिए गए मंत्र में शक्ति होती है यदि वह दूसरे को पता चले तो वह नष्ट हो सकती है।
यदि कभी साधक गुरू मन्त्र किसी अन्य को बताता है तो साधक को मंत्र उसे लाभ नहीं देता।
यह भी मान्यता है कि साधक किसी को वह मंत्र बता दे तो उसकी साधना व्यर्थ हो जाती है।
यदि वह मंत्र गुप्त रखता है तो वह मंत्र उसे सदा याद रहता है। मंत्र की साधना फलदायी होती है।
मंत्र को बताना गलत है क्योंकि गलत तरीके से मंत्र सुनकर सामने वाले व्यक्ति का नुकसान भी संभव है।
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