बनारस नहीं देखा तो क्या देखा, बनारसिया रंग में रंगना चाहते हैं तो यहां इन 11 स्थलों पर जरूर जाएं
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple)
मान्यता है कि द्वारकाधीश मंदिर उस कारागृह के नजदीक मौजूद है, जहां पर कंस ने माता देवकी और वासुदेव को कैद कर रखा था। यह विश्राम घाट के नजदीक स्थित है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की सुंदर मूर्ति को द्वारका के राजा के रूप में दिखाया गया है।
नया विश्वनाथ मंदिर– (New Vishwanath Temple)
यह सिर्फ एक मंदिर नही है बल्कि 7 अलग-अलग मंदिरो से मिलकर बना काफी बड़ा धार्मिक परिसर है। यह मंदिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद है।
अस्सी घाट (Assi Ghat, Varanasi)
इस जगह पर महान कवि व संत तुलसीदास का निधन हुआ था। यह वही स्थान माना जाता है। यह स्थल काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस घाट पर डुबकी लगाना बहुत पवित्र माना जाता है।
मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat, Varanasi)
मणिकर्णिका घाट भी बेहद प्रसिद्ध घाट है। यह यहां के प्राचीन घाटों में से एक है। इस घाट को महाश्मशान भी कहा जाता है जहां शव निरंतर जलते रहते हैं। जीवन के सबसे अंतिम पड़ाव के दौरान मोक्ष प्राप्ति की लालसा लिए यहां हर व्यक्ति आने की कामना करता है।
दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat, Varanasi)
यह काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर गंगा नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी स्थान पर दशाश्वमेध यज्ञ किया था। यहां आप दिव्य गंगा आरती देखना न भूलें।
यह मंदिर भगवान राम और हनुमान जी को समर्पित है। यहां पर आप को बंदरों के झुंड भी देखने को मिल जाएंगे। इस मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डु का प्रसाद बहुत प्रसिद्ध है।
दुर्गा मंदिर बनारस का बहुत प्राचीन मंदिर है जो कि बनारस के रामनगर इलाके में गंगा नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि शुम्भ और निशुम्भ का वध करने के बाद देवी दुर्गा ने इसी स्थान पर विश्राम किया था।
यह मंदिर बनारस केंट से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धार्मिक आस्था रखते हैं तो परिवार के साथ इस मंदिर का दर्शन करने जा सकते हैं।
भारत माता मंदिर (Bharat Mata Temple, Varanasi)
1936 में निर्मित हुआ है यह मंदिर। इसे भारत के नक्शे के रूप में चित्रित किया गया है। इसका उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था।
इसका निर्माण 18 वीं शताब्दी में यहां के राजा बलवंत सिंह के निर्देश पर किया गया। यहां पर क्षेत्रीय इतिहास से संबंधित एक संग्रहालय भी मौजूद है। इतिहास प्रेमियों को यह स्थान बहुत पसंद है।
अगर आप वाराणसी के नजदीक घूमने की अच्छी जगह की तलाश में हैं तो चुनार का किला बहुत अच्छा विकल्प है। यह किला वाराणसी शहर से लगभग 22 किलोमीटर दूर मिर्जापुर जिले में मौजूद है।
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