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Solar storm: सूर्य की सतह पर बड़ा विस्फोट! धरती की ओर बढ़ रही शक्तिशाली सौर ज्वाला, सेटेलाइट्स और पावर ग्रिड्स पर पड़ सकता है असर

Solar Storm: सूर्य से निकली ज्वाला का धरती पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इससे इलेक्ट्रिक सिस्टम, पावर ग्रिड और सैटेलाइट्स पर असर पड़ेगा। सोलर तूफान का प्रभाव मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका के देशों में अधिक दिखाई देगा।

Solar Storm: सूर्य से एक विशाल भू-चुंबकीय तूफान धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे पृथ्वी के इलेक्ट्रिक सिस्टम, पावर ग्रिड और सैटेलाइट्स प्रभावित हो सकते हैं। यह पिछले पांच महीनों में दूसरी बार है जब सोलर तूफान धरती की दिशा में बढ़ रहा है। नेशनल ओसियनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने इस बारे में चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 3 अक्टूबर को एक कमजोर श्रेणी G1 का सोलर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है, जबकि 4 अक्टूबर को एक और अधिक शक्तिशाली श्रेणी G3 का सोलर तूफान धरती से टकराने की आशंका है।

NOAA की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को सूर्य की सतह पर एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिसके कारण एक अत्यधिक शक्तिशाली सौर ज्वाला उत्पन्न हुई। यह पिछले कुछ वर्षों की दूसरी सबसे ताकतवर ज्वाला मानी जा रही है। इस ज्वाला का स्रोत सूर्य का एक्टिव रीजन 3842 है, जहां कई सन स्पॉट्स मौजूद हैं। इस ज्वाला को X7.1 की रेटिंग दी गई है, जो इसे मौजूदा सौर चक्र की सबसे शक्तिशाली ज्वाला बनाती है।

सौर ज्वाला की रेटिंग को समझें 

सौर ज्वाला की रेटिंग की बात करें तो इसे उसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। सबसे कमजोर ज्वालाओं को B-क्लास में रखा जाता है, जबकि सबसे खतरनाक ज्वालाओं को X-क्लास में वर्गीकृत किया जाता है। प्रत्येक श्रेणी में दस गुना वृद्धि होती है, और X7.1 ज्वाला बेहद शक्तिशाली मानी जाती है।

भू-चुंबकीय तूफान का प्रभाव 

भू-चुंबकीय तूफान सूर्य की सतह पर होने वाले विस्फोटों से उत्पन्न होते हैं। जब ये विस्फोट होते हैं, तो सूर्य से भारी मात्रा में प्लाज्मा अंतरिक्ष में निकलता है। ये सौर कण ग्रहों के वायुमंडल से टकराते हैं और संचार प्रणालियों में बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके साथ ही, इनसे धरती पर भू-चुंबकीय तूफान की स्थिति पैदा हो जाती है।

नया सोलर तूफान कितना खतरनाक? 

नए सोलर तूफान का सबसे बड़ा खतरा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, पावर ग्रिड और सैटेलाइट्स पर हो सकता है। सोलर तूफान के प्रभाव से इन प्रणालियों में गड़बड़ी आ सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति और संचार सेवाएं बाधित हो सकती हैं। इसके अलावा, यह सोलर तूफान अपने साथ रंगीन रोशनी भी लेकर आएगा, जिसे उत्तरी अमेरिका के कई राज्यों, मध्य पश्चिमी क्षेत्रों और ओरेगन जैसे इलाकों में देखा जा सकेगा। इस प्राकृतिक घटना को ‘ऑरोरा’ कहा जाता है, जो रात के समय आसमान में रंग-बिरंगी रोशनी के रूप में दिखाई देगी।

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