Pankaj Udhas Death: ‘चिट्ठी आई है’ फेम दिग्गज गजल सिंगर पंकज उधास (Pankaj Udhas) सोमवार (26 फरवरी) को अपने लाखों चाहने वालों को छोड़कर चले गए। ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’, ‘इक तरफ उसका घर’, ‘आहिस्ता कीजिए बातें’ और ‘जीएं तो जीएं कैसे’ जैसे लोकप्रिय फिल्मी गीतों तथा मशहूर गजलों से अपने चाहने वालों के दिलों में उतरने वाले पंकज उधास का निधन मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। वह लंबे समय से बीमार थे।
उधास ने ‘दयावान’, ‘नाम’, ‘साजन’ और ‘मोहरा’ सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई थी। ब्रीच कैंडी अस्पताल ट्रस्ट ने एक नोट में लिखा, “यह न केवल निजी क्षति है, बल्कि पूरे देश ने एक मशहूर गायक और महान व्यक्तित्व को खो दिया है।” पकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार (27 फरवरी) को होगा। उनके परिवार में पत्नी फरीदा और बेटियां रेवा तथा नयाब हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उधास के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की।
पंकज उधास की मशहूर गानें
उधास को तलत अजीज और जगजीत सिंह जैसे कलाकारों के साथ गजल गायकी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अपनी पहली एलबम ‘आहट’ 1980 में जारी की थी और चार दशक के कॅरियर में 50 से अधिक एलबम जारी कीं। ये उनके पार्श्व गायक के रूप में गाये गीतों से अलग थीं। उनके सबसे मशहूर गीतों और गजलों की बात करें तो ‘ना कजरे की धार’, ‘ऐ गमे जिंदगी कुछ तो दे मशवरा’, ‘मैखाने से शराब से’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल’, ‘आज फिर तुम पे प्यार आया है’, ‘मोहब्बत इनायत करम देखते हैं’, ‘जानेमन करवटें बदल बदल’ प्रमुख हैं।
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उधास गजलों का दूसरा नाम थे। उधास के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वह गजल गायक के साथ ही कला प्रेमी, पाठक थे। उन्हें अलग-अलग जगहों पर जाने का और तरह-तरह के व्यंजन खाने का शौक था। उनके फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा है, “मैं गज़लों के अलावा बीटल्स को सुनता हूं।” उन्हें 2006 में पद्मश्री से नवाजा गया था। X पर उनके परिचय के अनुसार वह विज्ञान स्नातक थे और थैलेसेमिया के उन्मूलन के लिए काम कर रहे थे।
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