Snoring Problem: क्या आपको भी जोर जोर से खर्राटे लेने की हो रही है समस्या? न करें नजरअंदाज

Snoring Problem

Snoring Problem: अगर आपको ऐसा लगता है कि खर्राटे सिर्फ पास सोने वाले को ही डिस्टर्ब करते है तो आप गलत है। बल्कि खर्राटे कई तरह की गंभीर बीमारियों के संकेत भी होते हैं। खर्राटे आना, स्लीप एनीमिया का एक लक्षण है, जो जानलेवा भी हो सकता है। हार्ट स्पेशियलिस्ट के अनुसार, नींद में बार-बार और तेज आवाज में खर्राटे आना बेहद खतरनाक है। ऐसी स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

आइए जानते हैं क्यों जानलेवा हो सकते हैं खर्राटे

स्लीप एपनिया
  • स्लीप एपनिया एक प्रकार का नींद विकार है जिसमें रोगी को पता चले बिना ही सांस रुक जाती है और फिर शुरू हो जाती है। यदि यह गले में रुकावट के कारण होता है तो इसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया कहा जाता है और यदि यह मस्तिष्क से संकेतों की कमी के कारण होता है तो इसे सेंट्रल स्लीप एपनिया कहा जाता है।
स्लीप एनीमिया के लक्षण
  • खर्राटे के लिए स्लीप एनीमिया की समस्या को सबसे बड़ा कारण माना जाता है। स्लीप एनीमिया से पीड़ित मरीज को सोते समय बार-बार सांस रुकने जैसा और फिर चालू हो जाने जैसा महसूस होता है। अक्सर मरीज उठकर हांफने लगता है।
इन समस्याओं को न करें नजरअंदाज
  • उम्र बढ़ना
  • उम्र के साथ हॉर्मोन में बदलाव
  • एंडोक्राइन डिसऑर्डर
  • फैमिली हिस्ट्री
  • हार्ट या किडनी फेलियर
  • खराब लाइफस्टाइल
  • मोटापा
महिलाएं रहें सावधान

महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या रजोनिवृत्ति के समय और उसके बाद कुछ समय तक नींद की कमी से भी बचना चाहिए। हार्मोनल बदलाव के साथ इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

खर्राटे रोकने के उपाय

अभी तक ऐसा कोई इलाज नहीं पता चल पाया है जो इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सके। हालाँकि, शारीरिक गतिविधि को नियंत्रित करके खर्राटों को रोका जा सकता है। निर्बाध नींद पाने के लिए श्वास उपकरण, मौखिक उपकरण, मुंह या चेहरे की चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है, या जीवनशैली में बदलाव भी फायदेमंद हो सकता है।

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