Sawan 2023: सावन का महीना प्रारंभ हो चुका है। पिछले 19 सालों में इस साल एक खास योग के कारण सावन का महीना कुल 59 दिनों का है। यह महीना महादेव को बहुत ही प्रिय है। इस महीने में प्रत्येक दिन भोलेनाथ और देवी पार्वती की आराधना करने से जातक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। इस महीने के प्रत्येक सोमवार को भोलेनाथ और मंगलवार को देवी पार्वती की पूजा-अर्चना करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने में भगवान शिव का गंगाजल से जलाभिषेक करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट और पीड़ाओं को हर लेते हैं। सावन के महीने में भोलेनाथ की रोजाना पूजा के साथ इन मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे जातक को जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शिव का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय।।
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय,
धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
शिव आवाहन मंत्र
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय।।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम्।।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये।।
भोलेनाथ के मंत्रों का जाप करने की सही विधि
इन मंत्रों का जाप स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद ही करना चाहिए। इसलिए सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर ले। फिर घर पर या किसी शिव मंदिर में भोलेनाथ की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा में भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, अक्षत आदि चीजें चढ़ाकर आरती करने के बाद अंत में इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों का 108 बार जाप करना या फिर रुद्राक्ष की माला से इनका जाप करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में लिखित किसी भी गणना, सूचना, जानकारी की सटीकता अथवा विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न प्रकार के माध्यमों, प्रवचन, मान्यताओं और धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई है।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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