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Nirjala Ekadashi: इन चीजों के बिना अधूरा है निर्जला एकादशी का व्रत, नोट कर लीजिए संपूर्ण पूजन सामग्री लिस्ट

Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रत में से एक है. इस एकादशी को करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. तो आईए जानते हैं निर्जला एकादशी की पूजन सामग्री.

Nirjala Ekadashi
Nirjala Ekadashi

Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी साल की सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है और इस व्रत को करना बेहद कठिन होता है. इस एकादशी में पानी का एक भी बूंद नहीं पिया जाता है और यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. कहां जाता है कि इस व्रत को करने से घर पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है इसके साथ ही सुख समृद्धि बनी रहती है.

निर्जला एकादशी का पूजा और उपवास करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. निर्जला एकादशी में कुछ विशेष चीजों का भोग लगाना जरूरी है वरना पूजा अधूरी मानी जाती है.

पूजा सामग्री (Nirjala Ekadashi)

चौकी
पीला वस्त्र
फल (केला, अमरूद, मौसमी आदि)
फूल (कमल का फूल, गुलाब, गेंदा)
लौंग
आम का पत्ता
नारियल
सुपारी
धूप
दीपक
घी
पीला चंदन
अक्षत
कुमकुम
मिठाई
तुलसी दल
पंचमेवा
माता लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान (बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, लिपस्टिक आदि) (केवल पैर धोने के लिए) जल
अगरबत्ती (वैकल्पिक)

अन्य पूजन सामग्री

आसन (कपड़ा या प्लास्टिक)
थाली
कलश
गंगाजल
आरती की पुस्तक
घंटी

निर्जला एकादशी पूजा विधि

सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
पूजा स्थल को साफ करें और चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं.

चौकी पर भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.

कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें.

भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी को फूल, फल, लौंग, सुपारी, नारियल, आदि अर्पित करें.

धूप, दीप जलाएं और घी से आरती करें.

भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की कथा का पाठ करें या आरती गाएं.

माता लक्ष्मी जी को श्रृंगार करें.

निर्जला व्रत का संकल्प लें.

पूजा समाप्त करने के बाद प्रसाद वितरित करें.

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निर्जला एकादशी व्रत के लाभ

पापों का नाश होता है.
मन-शरीर शुद्ध होता है.
भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है.
घर में सुख-समृद्धि आती है.
मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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