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Lord Shiva Marriage: जब भगवान शिव ने ली थी देवी पार्वती की परीक्षा, जाने भोलेनाथ के विवाह की अद्भुत पौराणिक कथा

Lord Shiva Marriage: हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार आदिकाल में कई ऋषि, देव और राक्षस भी कठोर तपस्या करके भगवान को प्रसन्न किया करते थे, जिसके कारण भगवान उन्हें मनचाहा वरदान देते थे। वैसे तो महादेव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, क्योंकि वे अत्यंत भोले हैं और अपने भक्तों से जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जब कड़ी तपस्या की तब भोलेनाथ ने उनकी परीक्षा ली थी। तो आइए जानते हैं भोलेनाथ के विवाह से जुड़ी इस पौराणिक कथा के बारे में….

 

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Lord Shiva Marriage
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जब सती ने दी थी अपने प्राणों की आहुति

राजा दक्ष के घर जन्मी भगवती स्वरूप माता सती दक्ष की सभी पुत्रियों में सबसे अलौकिक थीं। वे बचपन से ही शिव को पाने के लिए सच्चे मन से उनकी आराधना करती थी, जिसके बाद भगवान शिव उन्हें अपने पति के रूप में मिले। लेकिन राजा दक्ष उन्हें योग्य वर नहीं मानते थे और एक बार यज्ञ के दौरान जब उन्होंने भगवान शिव और माता पार्वती को आमंत्रित नहीं किया, फिर भी माता सती उस यज्ञ में पहुंच गई। वहां राजा दक्ष ने भगवान शिव का इतना अपमान किया कि माता सती से सहा न गया और उन्होंने यज्ञ स्थल में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी।

 

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ऐसे हुआ था माता पार्वती का जन्म

यज्ञ स्थल में अपने शरीर का त्याग करते समय माता सती ने संकल्प लिया कि वे राजा हिमालय के घर जन्म लेकर भगवान शिव की अर्धांगिनी बनेंगी। इसके बाद माता सती ने पर्वतराज हिमालय की पत्नी मेनका के गर्भ में जन्म लिया और पर्वतराज की पुत्री होने के कारण वे पार्वती कहलाईं। माता पार्वती शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए वन में कठोर उपवास और तपस्या करने लगीं।

 

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महादेव ने ली माता पार्वती की परीक्षा

तपस्या के दौरान महादेव ने माता पार्वती की परीक्षा लेने के लिए सप्तऋषियों को देवी पार्वती के पास भेजा। सप्तऋषियों ने माता पार्वती को ये समझाने का प्रयास किया कि शिवजी जटाधारी, औघड़ और अमंगल है। वे उनके लिए सही वर नहीं है, उनके साथ विवाह करके भी कभी सुखी नहीं रह सकती। इसलिए अपनी यह हट छोड़ दें और किसी उचित वर्ष से विवाह कर ले। लेकिन माता पार्वती की दृढ़ता देखकर सप्तऋषि अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद देकर वापस शिव के पास लौट‌ आए। बाद में देवी पार्वती के दृढ़ संकल्प के कारण ही महादेव उन्हें पति के रूप में मिलें।

 

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

 

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