Bollywood Shoot Techniques: फिल्मों में आपने किस और इंटीमेट सीन्स जरूर देखे होंगे। फिल्मों के ये सीन्स देखने में रियलिस्टिक लगते हैं। आज के सिनेमा में फिल्म निर्माता फिल्मों में स्टोरी से ज्यादा फोकस इंटीमेट सीन्स को शूट करने में दिया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्म में ऐसे सीन्स को शूट करने के लिए काफ़ी मेहनत ओर खर्च भी ज्यादा लगता है। इसकी वजह है कि फिल्मों में दिखने वाले इंटीमेट और बोल्ड सीन्स असली में शूट नहीं किए जाते हैं बल्कि इन्हे आधुनिक तकनीकों के माध्यम बनाया जाता है। आईए जानते हैं सिनेमा में बोल्ड सीन्स कैसे शूट होते हैं….
जब आप कोई फिल्म देखते हैं और फिल्म में बोल्ड सीन्स दिखाई देता है तो आप सोचते होंगे कि यह एक्ट्रेस ने कैसे इतने बोल्ड सीन्स दिए। ज्यादातर फिल्मों में किसिंग सीन जरूर दिखाए जाते हैं। आप सोचते हैं कि अभिनेता और अभिनेत्री ने डायरेक्टर और क्रू मेंबर्स के सामने आसानी से किसिंग सीन दे दिया। मगर असल में ऐसा नहीं होता है। फिल्म में इस तरह के दृश्यों को एक खास तरीके से शूट किया जाता है। ऐसे सीन के लिए डायरेक्टर से लेकर सभी क्रू मेंबर को काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। इन दृश्यों में कलाकारों के अंग एक दूसरे से टच भी नहीं करते हैं।
ऐसे शूट होते हैं बोल्ड सीन्स
1. बॉडी डबल का प्रयोग
फिल्म निर्माता के सामने कई बार ऐसी समस्या आती है जब हीरो या हीरोइन बोल्ड सीन करने से मना कर देते हैं तो फिल्म निर्देशक हमेशा ही इन सीन के लिए प्लान बी तैयार रखते हैं। निर्माता इसके लिए बॉडी डबल का इस्तेमाल करते हैं।
2. मिरर शूट तकनीक
वैसे सिनेमा में और भी दूसरे तरीके से यह सीन फिल्माए जाते हैं। ऐसे सीन्स के लिए एक तरीका यह होता है कि दोनों के बीच एक शीशा लगा दिया जाता है और वो दोनों उस शीशे को किस करते हैं। इससे देखने वाले को यही लगता है कि वह एक दूसरे को किस कर रहे हैं। इसे मिरर सीन्स तकनीक कहते हैं।
3. इल्यूजन क्रिएट
अगर कोई हीरो या हीरोइन बोल्ड सीन करने से मना कर करती है तो ऐसे में क्रू को इल्यूजन क्रिएट करके ब्यूटी शॉट्स से काम चलाना पड़ता है। तब सिनेमैटोग्राफी की कुछ ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल किया है, जिससे बिना कुछ हुए भी दर्शक को लगता है कि बहुत कुछ हुआ है। शूटिंग की भाषा में ब्यूटी शॉट्स का मतलब मेकअप से नहीं होता है। इसका मतलब होता है हग करना, किस करना, हाथों में हाथ डालना या फिर कैमरा का एंगल ऐसे रखना जिससे बॉडी पार्ट्स को कवर किया जा सके। यह सभी सिनेमैटोग्राफी की तकनीक होती हैं। ऐसे सीन में बेड पर सैटिन के बेडशीट्स यूज किए जाते हैं और उससे ढककर केवल इल्यूशन क्रिएट किया जाता है।
4. Kiss के लिए यूज़ होते हैं क्रोमा शॉट्स
फिल्मों में किस सीन को दिखाने के लिए एक खास ट्रिक का प्रयोग किया जाता है। इसे क्रोमा शॉट्स कहते हैं। यह सीन नीले या हरे रंग के कवर के साथ किया जाता है, जिसे बाद में एडिटिंग से गायब कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए अगर एक्टर और एक्ट्रेस को किसिंग सीन से आपत्ति है तो उनके बीच कोई सब्जी जैसे लौकी या कद्दू रखा जाता है। ग्रीन कलर का होने के कारण लौकी क्रोमा का काम करती है और वो दोनों लौकी को किस करते हैं। बाद में पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान सीन से उसे गायब कर दिया जाता है और देखने वाले को वो सीन असली लगता है।
5. बॉडी पार्ट्स के बीच रखे जाते हैं कुशन
आर्टिस्ट की ये खुद की च्वाइस होती है कि इंटिमेट सीन करते समय दूसरे आर्टिस्ट से कितनी शारीरिक दूरी रखनी है। इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर भी आर्टिस्ट की च्वाइस का सम्मान करते हैं, इसलिए कुछ प्रॉप्स जैसे सॉफ्ट पिलो, क्रौच गार्ड, मोडेस्टी गारमेंट जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे एक्टर और एक्ट्रेस के बॉडी पार्ट्स आपस में टच न करें। ऐसे सीन शूट करते वक्त इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि मेल और फीमेल कलाकार के प्राइवेट पार्ट्स में काफ़ी दूरी रहे। इसके लिए एक्टर की बॉडी में लोगार्ड या कुशन या फिर एयर बैग का इस्तेमाल होता है। तो वहीं एक्ट्रेस के लिए पुशअप पैड्स इस्तेमाल होते हैं।
6. मोंटाज तकनीक का प्रयोग
इंटिमेट सीन और न्यूडिटी फिल्माने के लिए कुछ कैमरा तकनीक और कुछ एडिटिंग का सहारा लिया जाता है। आर्टिस्ट के एक्सप्रेशन के साथ लाइटिंग और साउंड से मनचाहा सीन आसानी से फिल्माया जा सकता है। ज्यादातर ऐसे सीन में मोटांज टेक्निक का इस्तेमाल होता है।
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