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Body Positivity Tips : स्लिम नहीं तो क्‍या, हम हैं हॉट ऐंड ब्‍यूटीफुल!

Body positivity: मोटापा इनके सुंदर होने की राह में कोई बाधा नहीं। ये तोड़ रही हैं सुंदरता की हर झूठे बाड़े को।

Neha Parulkar

Body Positivity Tips : आप कहेंगे अच्छा फिगर, सुंदर डील-डौल यानी स्लिम ट्रिम बॉडी, यही है एक महिला की सुंदरता। पर यहां ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्‍होंने अपने मोटापे को लेकर कोई शर्मींदगी नहीं। सच तो यह है कि उन्‍होंने मोटापे को ही बना ली है अपनी यूएसपी। वे कहती हैं सुंदरता भीतर है बाहर नहीं। वे दुनिया भर में चल रहे बॉडी पॉजिटिविटी अभियान की बुलंद आवाज हैं। बदलते वक्‍त की पुकार हैं कि महिलाएं अब बनी बनायी लीक पर नहीं चल रहीं बल्कि बना रही हैं अपनी राहें और चुन रही हैं अपने हिस्‍से का आसमान।

खांचे में फि‍ट होने की फि‍क्र नहीं

तीखे नैन-नैक्श और उससे भी अधिक मोटी नहीं छरहरी होती है एक सुंदर स्त्री! ये महिलाएं बदल रही हैं स्त्री सुंदरता से जुड़ी ऐसी कसौटियां। अब उन लड़कियों की कमी नहीं जो इस तय खांचे में फिट नहीं होतीं पर वे फिर भी सुंदर हैं। प्लस साइज की हैं पर बिंदास हैं। बोल्‍ड हैं ब्‍यूटीफुल भी हैं।उन्हें फक्र है अपनी सुंदरता पर। दे रही हैं वे यही संदेश कि सुंदरता बाहर नहीं भीतर रहती है और वही सबको भाती भी है।

यहां सबसे सुंदर कौन?

सुंदरता की कोई एक कसौटी नहीं होती। दुनिया के अलग-अलग देशों में सुंदरता की परिभाषा उनकी संस्कृति के अनुसार बदल जाती है। पर प्लस साइज मॉडल और बॉडी इंफ्लूएंशर नेहा पारुलकर मानती हैं कि हम तरक्की कर रहे पर हम सुंदरता की तय परिभाषा से खुद को अलग नहीं कर पाए हैं। इसलिए उनकी जैसी प्लस साइज लड़कियां बहुत अधिक स्ट्रेस ले लेती हैं। जैसे अपने टीनएज के दिनों में उन्‍हें खूब हुआ है ऐसा तनाव। जब लोग कहते थे कि मोटी हो तो रोना आता था।

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी की परिभाषा

यूं तो ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने सुंदरता को कुछ गुणों का मिश्रण बताया है-इनमें आकार, रंग और सौंदर्य बोध को बढ़ाने वाले रूप शामिल हैं, जो खास तौर पर आंखेां को भाते हों लेकिन क्या भाएगा, यह तय नहीं। जैसे, अमेरिकी महिला यदि दुबली हो, ब्लौंडी जैसी नीली आंखों वाली हों, छोटी नाक हो तो उसे सुंदर मान लिया जाता है। ब्राजील के लोग टोंड बॉडी को ज्यादा तरजीह देते हैं। जापान और चीन में सुंदरता के लिए लोग त्‍वचा पर अधिक जोर देते हैं यानी स्मूद स्कीन है तो वह महिला सुंदर है। जापान की कम ही महिला को आपने देखा होगा कि कर्ली या वेवी हेयर है। स्ट्रेट यानी सीधे-वेवी बालों को वे अधिक तरजीह देते हैं।

जमाना हमें कुछ कहे, कोई गम नहीं

ज्यादा वक्त नहीं हुआ, जब अमेरिकी प्लस साइज मॉडल तेस होलिडे और जेसामाइन ने इंस्टाग्राम के जरिए सुंदरता या स्मार्टनेस की पुरानी तयशुदा परिभाषा बदल डाली। आज से नौ साल पहले यानी 2010 में जब इन प्लस साइज मॉडल्स ने इंस्टा पर अपनी तसवीरें डालीं तो उनके प्रशंसकों की संख्या देखकर सबके होश उड़ गए। लोग अब मानने लगे कि सुंदरता बस छरहरा, तराशा हुआ शरीर के खांचे में ही फिट नहीं है, बल्कि इससे बाहर जाकर भी कोई स्मार्टनेस या सुंदरता से चौंका सकता है। प्लस साइज स्त्री होकर यानी चौड़ी कमर और बड़े बट के साथ भी वे कंफर्ट महसूस करती हैं। कर्वी और स्लिम न होने का उन्हें जरा भी दुख नहीं।

फैशन ब्रांड भी सक्रिय

यह सराहनीय है कि अब बड़े फैशन ब्रांड भी साइज ऑप्शन को बढ़ा रहे हैं और प्लस साइज का चलन बढ़ा है। अब प्लस साइज मॉडल खूब प्रसिद्घि पा रही हैं। लक्मे फैशन वीक जैसे बड़े मंच पर उन्हें रैंप वॉक करते देखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों में ऐसी मॉडलिंग एजेंसीज की संख्या भी बढ़ी है, जो प्लस साइज मॉडल को तरजीह दे रहे हैं। केवल मॉडल नहीं मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री जरीन खान भी प्लस साइज होने का दर्द महसूस कर चुकी हैं।

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एक इंटरव्यू में अपने बीते दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि वह कैसे बचपन में फैशन को लेकर बहुत कंसस रहती थीं क्योंकि उन्हें प्लस साइज फैशन कपड़ों को तलाशने में संघर्ष करना पड़ता था। कुछ साल पहले तक जरीन खान की तरह और भी प्लस साइज लड़कियों को ऐसी मुश्किल आती होगी, जिन्हें फैशनेबल कपड़ों के लिए दो-चार होना पड़ता होगा लेकिन अब यह परेशानी नहीं आती, यह एक सुखद पहलू है। भारतीय फैशन डिजायनर्स अब ऐसे कपड़े तैयार कर रहे हैं और इसमें उन प्लस साइज लड़कियों का बड़ा योगदान है जो कि इसे अपनी यूएसपी बना चुकी हैं।

जिंदगी से बढ़कर कुछ नहीं

लोग अपने शरीर को कैसे देखते हैं? यह सवाल बड़ा असर पैदा कर सकता है। ‘सेक्स रोल्स’ नामक जर्नल में प्रकाशित एक हालिया स्टडी के मुताबिक, ‘विज्ञापनों में यदि प्लस साइज मॉडल बार-बार दिखाए जाते हैं तो यह तरीका अपने शरीर को लेकर निगेटिव सोच के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। फ्लोरिडा स्टेट यूनिसर्सिटी के डिपॉर्टमेंट ऑफ रिटेल, मर्केंटाइजिंग ऐंड प्रोडक्ट डेवलपमेंट की असिसटेंट प्रोफेसर जेसिका रिगवे क्लेटॉन कहती हैं, ‘विज्ञापनों से अपनी बॉडी इमेज को लेकर खास मनोवैज्ञानिक मदद मिलती है।

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लोग अपने शरीर को लेकर थोड़ा वास्तविकता से जुड़ पाते हैं, इसकी देखभाल को लेकर सजग हो पाते हैं।’ वैसे, यह तो तय है कि आत्मविश्वास की यहां भी बड़ी भूमिका है। जैसे, प्‍लस साइज मॉडल पायन सोनी कहा कि जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं। आपको जिंदगी का आनंद लेना चाहिए न कि बॉडी को लेकर चिंता करनी चाहिए। जैसे हैं आप बहुत अच्‍छे हैं हमेशा यह सोचें। आप अलग हैं और बेहद सुंदर भी।

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