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मधुमक्खी के ज़हर से कैंसर कोशिकाओं का एक घंटे में होगा नाश,वैज्ञानिकों का नया खोज

Bee Venom Kills Cancer Cells: हाल ही में हैरी पर्किन्स इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह पता लगाया है कि मधुमक्खी का ज़हर कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता रखता है।

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Bee Venom Kills Cancer Cells: कैंसर एक गंभीर बीमारी है इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खराब खानपान और बिगड़ते जीवनशैली के कारण यह रोग कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बनता है, जो लाखों पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर में लंग्स कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और स्किन कैंसर जैसी बीमारियों के मामले सबसे अधिक हैं। कैंसर उस हिस्से से शुरू होता है, जहां यह उत्पन्न होता है, और इसका नाम भी उसी हिस्से के नाम पर रखा जाता है।

मधुमक्खी का ज़हर

शोध में पता चला है कि मधुमक्खी का ज़हर कैंसर कोशिकाओं को मारने में बेहद प्रभावी साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि यह जहर कैंसर कोशिकाओं को केवल एक घंटे में नष्ट करने की क्षमता रखता है। आइए जानते हैं कि मधुमक्खी का ज़हर कैंसर की कोशिकाओं को कैसे प्रभावित करता है।

मधुमक्खी के ज़हर का कैंसर पर प्रभाव

हैरी पर्किन्स इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में मधुमक्खी के जहर में पाए जाने वाले पेप्टाइड मेलिटिन पर ध्यान केंद्रित किया। यह जहर विशेष रूप से ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को तेजी से नष्ट करने में सक्षम है। चूहों पर किए गए अध्ययन में देखा गया कि जब मेलिटिन को कीमोथेरेपी के साथ मिलाया गया, तो ट्यूमर की वृद्धि में कमी आई। शोध में यह भी पाया गया कि मधुमक्खी का ज़हर ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर और HER2-ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं को तेजी से नष्ट करता है।

कैंसर पर काबू पाने का उपाय

मेलिटिन, मधुमक्खी के ज़हर का मुख्य घटक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल, और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरा होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में प्रभावी है। शोध में यह भी स्पष्ट हुआ है कि मेलिटिन और डोसीटैक्सेल का संयोजन चूहों में ट्यूमर की वृद्धि को कम करने में अत्यंत प्रभावी रहा है। मेलिटिन कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाकर उन्हें जड़ से खत्म करने का कार्य करता है, हालांकि इसके इंजेक्शन से दर्द, सूजन और लालिमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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60 मिनट के भीतर कैंसर कोशिकाओं को करे नष्ट

2020 में की गई यह रिसर्च अंतरराष्ट्रीय जर्नल एनपीजे नेचर प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुई थी। अध्ययन में यह भी पाया गया कि मेलिटिन 60 मिनट के भीतर कैंसर कोशिका की झिल्ली को नष्ट कर सकता है। अत्यधिक आक्रामक ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए मेलिटिन का उपयोग छोटे अणुओं या कीमोथेरेपी जैसे डोकैटेक्सेल के साथ किया जा सकता है।

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