
Health Tips: आयुर्वेद में पेड़ पौधों का काफी ज्यादा महत्व है. पेड़ पौधों से कई तरह के बीमारियों का इलाज होता है और कई तरह की औषधियां बनाई जाती है. गूलर के पौधे का भी आयुर्वेद में काफी ज्यादा महत्व है और इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसके जड़ फल चल और तन आदि का उपयोग आयुर्वेद के रूप में होता है.
आयुर्वेद के अनुसार गूलर का पेड़ का काफी ज्यादा महत्व है और इसका काढ़ा फल दूध चूर्ण और कल्प के रूप में उपयोग किया जाता है. यह बेहद लाभकारी होता है और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है. तो आईए जानते हैं इनका गुण.
आयुर्वेद के डॉक्टर की माने तो गुलर के हर अंग काफी उपयोगी होते हैं. पेड़ की पट्टी अच्छा रिजल्ट और तन आदि का प्रयोग बीमारियों के इलाज में किया जाता है खूनी बवासीर होने पर आप इसके दूध को हुई में भिगोकर लगाएंगे तो रक्त स्राव रुक जाएगा. शरीर के किसी अन्य भाग में भी खून आने की समस्या है तो आप इसका काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं और यह काफी लाभकारी होता है.
अगर आपको दस्त की समस्या है तो आप इसके छाल को उबालकर कला करेंगे तो आपको काफी फायदा होगा. किसी को दस्त हो रहा है तो 8 से 10 बूंद गूलर के दूध को बताशे में डालकर सेवन करें इससे यह समस्या दूर हो जाएगी.
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घाव जल्दी भर जाएगा(Health Tips)
मूत्र विकार से परेशान लोग इसके दो फल रोजाना खाएं और शुगर के मरीज इसके फल को सुखा कर ले इसके अंदर के बीच का चूर्ण बनाएं इससे काफी राहत मिलेगा. लाइव कोरिया की बीमारी में इसके पांच से 10 ग्राम चूर्ण क्यों मिश्री के सेवन करें इससे काफी लाभ मिलेगा. अगर आपका कोई घाव नहीं सूख रहा है तो इसके फल का लेप लगाए इससे बीमारी ठीक हो जाएगी.
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