बॉर्डर गार्ड BANGLADESH (BGB) और INDIA के सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ा निर्णय लिया गया। इस बैठक में तय किया गया कि 200 एकड़ भूमि BANGLADESH को लौटाई जाएगी, जो नदी के कटाव के कारण INDIA में चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बैठक रविवार को हुई, जिसमें विवादित भूमि का पुनः सर्वेक्षण कर उसे भूमि मालिकों को लौटाने का संयुक्त निर्णय लिया गया। यह भूमि दौलतपुर उपजिला के रामकृष्णपुर संघ के चालिशपारा क्षेत्र में स्थित है, जो पद्मा नदी के मार्ग में बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं के कारण 3 किलोमीटर के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा स्तंभों को अव्यवस्थित कर दिया था।
सर्वेक्षण से स्पष्ट हुआ मामला
साल 2024 की शुरुआत में इस भूमि से जुड़े विवाद पर सर्वेक्षण किया गया, जिससे पूरा मामला स्पष्ट हुआ। बीजीबी की 47वीं बटालियन के कमांडर, लेफ्टिनेंट कर्नल एम महबूब मुर्शेद रहमान ने पुष्टि की कि 10 फरवरी को किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि लगभग 200 एकड़ बांग्लादेश की भूमि भारतीय क्षेत्र में और करीब 40 एकड़ भारतीय भूमि बांग्लादेश के क्षेत्र में चली गई है। दोनों देश अब अक्टूबर में आधिकारिक रूप से सीमाओं को ठीक करने की तैयारी कर रहे हैं। बैठक में विवादित भूमि का पुनः सर्वेक्षण और उसे वास्तविक मालिकों को लौटाने पर सहमति बनी है।
बैठक के दौरान हुए कई फैसले
बैठक में सुरक्षा अधिकारियों के बीच सीमा पर हत्याओं को रोकने और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने जैसे व्यापक मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल रहमान ने किया, जबकि बीएसएफ का प्रतिनिधित्व रोशनबाग बटालियन के कमांडेंट विक्रम देव सिंह ने किया। लेफ्टिनेंट कर्नल रहमान ने कहा कि जब तक सर्वेक्षण पूरा नहीं हो जाता, विवादित भूमि का उपयोग किसी को भी नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने सीमा पर हाल ही में हुई हत्याओं के खिलाफ बांग्लादेश का कड़ा विरोध भी जताया और विशेष रूप से दुर्गापूजा से पहले अवैध सीमा पार गतिविधियों को रोकने पर जोर दिया।
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