
Margashirsha Amavasya 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की अमावस्या इस वर्ष 20 नवंबर 2025, गुरुवार को पड़ रही है। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 19 नवंबर सुबह 9:43 बजे होगा और इसका समापन 20 नवंबर दोपहर 12:16 बजे पर होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन पितृ तर्पण, स्नान-दान और विष्णु पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ किए गए उपाय जीवन में सुख-शांति, धन-समृद्धि और भाग्य वृद्धि का कारण बनते हैं।
शुभ मुहूर्त और पूजा विधि (Margashirsha Amavasya 2025)
पंचांग के अनुसार विष्णु भगवान की पूजा के लिए सुबह 05:01 से 05:54 बजे तक का समय सबसे उत्तम रहेगा। वहीं पितृ तर्पण और दान का शुभ समय सुबह 11:30 से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर पवित्र नदी या घर पर गंगाजल मिले पानी से स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें, पीले फूल, चंदन, तिल और तुलसी दल अर्पित करें।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
श्रीमद्भगवद् गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है — “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, अर्थात सभी महीनों में मार्गशीर्ष मास श्रेष्ठ है। इस महीने की अमावस्या का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन की गई पूजा पितरों की आत्मा को शांति देती है और उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर किया गया हर शुभ कार्य कई गुना फल देता है।
किस्मत चमकाने वाले उपाय
इस दिन स्नान के बाद पीपल या तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और दीप जलाएं। पितरों के निमित्त तिल, गुड़, चावल, वस्त्र और अन्न का दान करें। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। जो व्यक्ति आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, वे इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। यह उपाय भाग्य वृद्धि और कार्य-सफलता में सहायक माना गया है।
मार्गशीर्ष अमावस्या आत्मिक शुद्धि, पितृ तृप्ति और सौभाग्य प्राप्ति का अद्भुत योग है। यदि इस दिन सही मुहूर्त में विधिपूर्वक पूजा और दान किया जाए, तो जीवन की नकारात्मकता समाप्त होकर किस्मत चमक सकती है।
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