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National Sports Day 2023: आज ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ है, जानें क्या है राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास और मनाने का कारण

National Sports Day 2023: आज 'राष्ट्रीय खेल दिवस' है, चलिए बताते हैं आपको क्या हैं राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास और इसको मनाने का कारण..

National Sports Day 2023: खेल-कूद में आज हमारे खिलाडियों ने देश का नाम पूरी दुनिया कमाया है। खेल का महत्व और प्रचलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। हमारे देश में अच्छा खेल प्रदर्शन करने वाले काफी अच्छे खिलाड़ी राष्ट्र का नाम काफी रोशन कर रहे हैं।

हर साल भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को मनाया जाता है और भारत सरकार ने देश में खेलों का बढ़ावा देने के लिए नेशनल स्पोर्ट्स डे सेलिब्रेट किया है और यह राष्ट्रीय खेल दिवस हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। तो चलिए बतातें है आपको इस दिन के बारे में

National Sports Day 2023: राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने के पीछे ये है कारण

प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त का दिन हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यान चंद्र के जन्मदिवस पर उनके सम्मान में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह वर्ष 2012 से मनाया जाता आ रहा है। इस दिन स्कूलों कॉलेजों आदि में विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

National Sports Day 2023: राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को हॉकी के महान् खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के दिन मनाया जाता है। राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत वर्ष 2012 मे हुई।दुनिया भर में ‘हॉकी के जादूगर’ के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान् व कालजयी हॉकी खिलाड़ी ‘मेजर ध्यानचंद सिंह’ जिन्होंने भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलवाया, उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उनके जन्मदिन 29 अगस्त को हर वर्ष भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

National Sports Day 2023: मेजर ध्यानचंद का जन्म

ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 में उत्तरप्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ। इस दिग्गज ने 1928, 1932 और 1936 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत ने तीनों ही बार गोल्ड मेडल जीता ।

National Sports Day 2023: मेजर ध्यानचंद की उपल्बधियां

मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व मे हॉकी के क्षेत्र में वर्ष 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते। मेजर ध्यानचंद को उनके शानदार स्टिक-वर्क और बॉल कंट्रोल की वजह से हॉकी का ‘जादूगर’ भी कहा जाता था। उन्होंने अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच 1948 में खेला। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 400 से अधिक गोल किए। देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भारत सरकार ने ध्यानचंद को 1956 में सम्मानित किया।

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