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Sadbhavana Diwas 2023: आज है ‘सद्भावना दिवस’ जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

Sadbhavana Diwas 2023: आज 'सद्भावना दिवस' है, ये दिन क्यों खास है आज हम आपको अपने इस लेख में इस दिन का इतिहास और महत्व के बारे में बताएंगे...

Sadbhavana Diwas 2023: हर वर्ष 20 अगस्त को ‘सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है, आज यानी कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती का दिन है। ‘सद्भावना दिवस’ जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि अलग-अलग धर्मों, भाषाओं और इलाकों के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता और प्यार की भावना का समन्वय बनाना और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना।

Sadbhavana Diwas 2023: राजीव गांधी की हुई थी मृत्यु

सन् 1992 में, राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी फिर उसके एक साल बाद, कांग्रेस ने आज के दिन को सद्भावना दिवस के रूप में घोषित कर दिया था। 40 वर्ष के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बेटे राजीव गांधी के नाना प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।

Sadbhavana Diwas 2023: इसलिए मनाया जाता है सद्भावना दिवस

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री रहे है, इनका जन्म 20 अगस्त 1944 को इंदरा गांधी और फिरोज गांधी से हुआ था। पर सन् 1992 में राजीव गांधी की मृत्यु के बाद अगले वर्ष 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाने के लिए घोषित कर दिया गया था।

आज के दिन कई राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन होते है। पौधारोपण, भाषण समेत कई अन्य कार्यक्रमों का भी आज के दिन आयोजिन किया जाता है

Sadbhavana Diwas 2023: सद्भावना दिवस का इतिहास

कांग्रेस द्वारा वर्ष 1992 में राजीव गांधी की स्मृति में सद्भावना पुरस्कार की शुरूआत की गई थी। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने सामाजिक सद्भाव और आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया है। पुरस्कार के तौर पर इसमें एक प्रशस्ति पत्र और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।

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