
Israel Iran Conflict: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध का खतरा लगतार बढ़ता दिख रहा है। ईरान और इजयारल के बीच सुलह की अमेरिका समेत अन्य देशों की कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है। गाजा में सीजफायर का अमेरिकी प्रस्ताव हमास ने ठुकरा दिया है। ऐसे में 10 महीने से भी ज्यादा समय गाजा में चल रही जंग का फिलहाल फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। इस युद्ध में अकेले गाजा शहर में अब तक करीब 40 हजार लोगों की जानें जा चुकी है। सुलह की अबतक की तमाम कोशिशें नाकाम रही है।
इजरायल और ईरान इसके लिए एक-दूसरे को दोषी मान रहे हैं। सभी पक्ष अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हैं। इस बीच हमास ने गाजा में सीजफायर के अमेरिकी प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस बैठक से पहले अमेरिका ने यह बयान देकर दुनिया को दहशत में डाल दिया था कि गाजा में जंग रोकने की यह आखिरी कोशिश है। ऐसे तीसरे विश्व को युद्ध रोकना लगभग असंभव हो जाएगा। दूसरी तरफ इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच अचानक बमबारी तेज होती दिख रही है। इसके साथ ही ईरान की इजरायल को धमकी से भी दुनिया के देश टेंशन में हैं।
इस बीच इजरायल के फाइटर जेट्स ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भारी बमबारी की है। बताया जा रहा है कि IDF ने उत्तरी लेबनान के साथ ही दक्षिणी लेबनान के क़नून में भी ड्रोन हमला किया जिसमें हिजबुल्लाह का एक बड़ा नेता मारा गया है। बताया जा रहा है कि हिजबुल्ला के रॉकेट और मिसाइल यूनिट का अहम सदस्य सुलेमान इस हमले में मारा गया है।
दरअसल हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल की एयर स्ट्राइक लगातार जारी है। ऐसे आने वाले दिनों में हिजबुल्लाह के कई और ठिकानों पर इजरायली हमले की आशंका है। हिजबुल्लाह भी रुक-रुक कर IDF के ठिकानों को अपना निशाना बना रहा है जिससे लेबनान सीमा पर तनाव लगातार बना हुआ है। बताया जा रहा है कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक IDF के हमलों में लेबनान में लगभग 622 लोग मारे गए हैं। जिनमें 416 हिजबुल्लाह के आतंकी शामिल हैं। हिजबुल्लाह के अलावा हमास के आतंकियों को भी इजरायली सेना लगातार निशाना बना रही है।
बताया जा रहा है कि IDF ने गाजा पट्टी में दो स्कूलों और एक अस्पताल पर हमला किया। IDF की स्ट्राइक में हमास के कई हथियार नष्ट हो गए। IDF ने खान यूनिस में भी हमास के हथियार तबाह किए। ड्रोन अटैक के जरिए करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सुरंग को निशाना बनाया। इसी सुरंग में दर्जनों रॉकेट, लॉन्चर और कई एंटी-टैंक मिसाइलें रखीं थीं।
हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल ने ऐसे वक्त में हमले तेज किए हैं जबकि अमेरिका की ओर से सीजफायर की कोशिशें की जा रही हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तेल अवीव में इजरायली पीएम नेतन्याहू ने मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच गाज़ा में युद्ध विराम को लेकर चर्चा हुई। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दावा किया कि इजरायल ने गाजा में संघर्ष विराम का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। ब्लिंकन ने हमास से भी सीजफायर पर सहमति जताने के लिए कहा। एंटनी ब्लिंकन और नेतन्याहू के बीच करीब ढाई घंटे तक बैठक चली। जिसमें युद्ध विराम से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। हालांकि हमास पहले ही सीजफायर की कोशिश को खारिज कर चुका है।
हमास का आरोप है कि इजरायल हर बार समझौतों में नई शर्तों जोड़ देता है ताकि युद्धविराम को लेकर कोई सहमति न बन पाए और उसके सैनिक गाजा में लगातार कत्लेआम करता रहे। नए युद्धविराम समझौते पर हमास ने कहा है कि संघर्ष विराम समझौते के परिणामस्वरूप गाजा पर इजरायल का युद्ध स्थायी रूप से समाप्त होना चाहिए। साथ ही हमास ने अमेरिका पर भी आरोप लगाया है। हमास का कहना है कि अमेरिका संशोधित समझौते का प्रस्ताव देकर इजरायल को नरसंहार जारी रखने के लिए समय दे रहा है। ऐसे आरोप-प्रत्यारोप के बीच हमास और इजरायल के जंग खत्म होने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं।
इन सबके बीच ईरान ने एक बार फिर इजरायल पर हमले की धमकी दी है। ईरानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमास और इजरायल के बीच अगर युद्धविराम पर सहमति बन भी जाती है तो भी वह जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा। ईरान का साफ-साफ कहना है कि वो इस्माइल हानिया की हत्या का बदला जरूर लेगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए ईरान जबरदस्त रूप से तैयारी में भी जुटा है।
ईरान के हमले की आशंका को लेकर ही अमेरिका, कतर और मिस्र मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमास और इजरायल के बीच सीजफायर कराने का मकसद यही है कि किसी तरह हालात सामान्य किए जाएं और ईरान के हमले को टाला जा सके। मगर ईरान का रुख बताता है कि ये सब इतना आसान नहीं है। यानी मिडिल ईस्ट में कभी भी भीषण जंग छिड़ सकती है।
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