
Sagwan farming: आज के समय में लोग नौकरी के साथ-साथ बिजनेस भी करते हैं। नौकरी के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीके से लोग बिजनेस करके कम समय में मालामाल बनने लगे हैं। कोई ऐसी फैसले हैं जिनकी खेती कर आप करोड़ों के मालिक बन सकते हैं और इन फसलों की खेती करने में सरकार भी आपकी मदद करेगी। आज हम आपको सागवान की खेती के बारे में बताएंगे जो कि आपको कम समय में मालामाल बना देगा।
सागवान (टीक) की लकड़ी अपनी मजबूती, सुंदरता और टिकाऊपन के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसका उपयोग फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां, और सजावटी वस्तुओं में बड़े पैमाने पर किया जाता है। सागवान की खेती लंबी अवधि में किसानों और निवेशकों के लिए अत्यधिक लाभदायक होती है। यह खेती एक बार शुरू करने के बाद 20-25 वर्षों तक स्थिर आय का साधन बन सकती है।
सागवान की खेती के फायदे (Sagwan farming)
1. मूल्यवान लकड़ी:सागवान की लकड़ी बाजार में सबसे महंगी लकड़ियों में से एक है। एक परिपक्व सागवान का पेड़ ₹50,000 से ₹1,00,000 तक का लाभ देता है।
2. कम रखरखाव: सागवान के पेड़ को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। यह सूखे इलाकों में भी अच्छी तरह उगता है।
3.पर्यावरण संरक्षण:सागवान की खेती से पर्यावरण को लाभ होता है, क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है।
खेती के लिए आवश्यकताएं
जलवायु और मिट्टी: सागवान की खेती के लिए 20°C से 35°C तापमान उपयुक्त है। यह दोमट या बलुई दोमट मिट्टी में बेहतर उगता है।मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
2. भूमि की तैयारी:
– खेत को अच्छी तरह जोतकर मिट्टी को भुरभुरी बनाएं।
– जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
3. पौधों का चयन और रोपण:
– सागवान की खेती के लिए ऊंची गुणवत्ता वाले पौधों का चयन करें।
– 3×3 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं।
– एक हेक्टेयर में लगभग 1100-1200 पौधे लगाए जा सकते हैं।
सागवान की खेती एक दीर्घकालिक निवेश है, जो किसानों और निवेशकों को बड़ा मुनाफा दिला सकती है। कम देखभाल, उच्च बाजार मांग, और पर्यावरणीय लाभ इसे एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। यदि आप दीर्घकालिक आय का स्रोत ढूंढ रहे हैं, तो सागवान की खेती एक बेहतरीन विकल्प है।
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