Home ट्रेंडिंग Raj Kumar 27th Death Anniversary : आज राजकुमार की 27वीं पुण्यतिथि पर...

Raj Kumar 27th Death Anniversary : आज राजकुमार की 27वीं पुण्यतिथि पर जानें उनकी कुछ फिल्मों के बारे में

Raj Kumar 27th Death Anniversari
Raj Kumar 27th Death Anniversari

Raj Kumar 27th Death Anniversary : राजकुमार, जिन्हें अपने डायलॉग और अंदाज से मानो लाखों लोगों ने अपना दीवाना बना लिया, आज 27वीं पुण्यतिथि मना रहे हैं। उनके जीवन का आदर्श शब्द “जानी” हो गया है, और उनके करीबी दोस्त उन्हें जानी कहकर बुलाते हैं।

बचपन से अभिनय का प्यार

राजकुमार का जन्म 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुआ। वे एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे। उनका असली नाम कुलभूषण पंडित था, लेकिन हिंदी सिनेमा में वे राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध हुए। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे बॉम्बे के माहिम पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर के रूप में नौकरी करने लगे। उनके पुलिस स्टेशन में अक्सर फ़िल्म इंडस्ट्री के लोग आते-जाते थे।

अभिनय की दुनिया में प्रवेश

एक रात गश्त करते समय, एक सिपाही ने राजकुमार से कहा कि हजूर, आप रंग-ढंग और कद-काठी में किसी हीरो से कम नहीं लगते हैं। यदि आप फ़िल्मों में हीरो बन जाएं, तो आप लाखों दिलों पर राज कर सकते हैं। राजकुमार को सिपाही की यह बात बहुत पसंद आई।

फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रवेश

एक दिन राजकुमार के स्टेशन पर फ़िल्म निर्माता बलदेव दूबे आए। वे राजकुमार के अंदाज, रवैये और पर्सनैलिटी से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने तत्पश्चात राजकुमार को फ़िल्मों में अभिनय करने का ऑफ़र दिया। सिपाही की बात ने राजकुमार के दिमाग में वह चिंतन कराया जोरदार धक्का। उन्होंने तत्पश्चात बलदेव दूबे की पेशकश को स्वीकार कर लिया। इसके बाद, बलदेव दूबे ने राजकुमार को अपनी फ़िल्म “शाही बाज़ार” में कास्ट किया।

सपना पूरा करने की लड़ाई

राजकुमार ने पुलिस नौकरी छोड़ दी थी और फ़िल्म “शाही बाज़ार” की तैयारी में काफ़ी समय लगा। उन्हें पैसों की कमी महसूस होने लगी थी। इसलिए, 1952 में रिलीज़ हुई फ़िल्म “रंगीली” में उन्होंने एक छोटा सा किरदार निभा डाला। “रंगीली” कब सिनेमाघरों में लगी और कब उतरी, इसकी किसी को जानकारी नहीं मिली। उसी समय, राजकुमार की फ़िल्म “शाही बाज़ार” भी रिलीज़ हुई, लेकिन यह फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर बहुत असफल रही।

जद्दोजहद और सफलता

1952 से 1957 तक, राजकुमार ने फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए काफ़ी मेहनत की। “रंगीली” के बाद, उन्हें जो भी किरदार मिले, उन्होंने उन्हें निभाते रहे। इस दौरान, राजकुमार ने 1952 में “अनमोल सहारा”, 1953 में “अवसर”, 1955 में “घमंड”, 1957 में “नीलमणि” और “कृष्ण सुदामा” जैसी फ़िल्मों में काम किया, लेकिन ये सभी फ़िल्में बड़ी ही असफल रहीं।

 

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube  पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरे

Exit mobile version