Tour and Travels: इस दुनिया में काफी जगह और इमारतें ऐसी भी हैं, जहां आपको जीवन में एक बार तो अवश्य ही जाना चाहिए। इसी क्रम में आज हम आपके लिए ऐसे धर्म स्थलों की जानकारी लेकर आए हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही अपार आध्यात्मिक शांति मिलती है।
इनमें से कई अति प्राचीन काल के निर्माण हैं, जिन्हें प्राचीन सभ्यता की सबसे महान कृतियों में से एक माना जाता है। जबकि कुछ इमारतों को राजवंशों का निर्माण और शौर्य का प्रतीक माना गया है।
अमदा, मिस्र का मंदिर
15वीं शताब्दी में मिस्र के फिरौन थुटमोस III द्वारा निर्मित यह नूबिया मिस्र के सबसे पुराना धर्मस्थल है। यह विशेष महत्व रखता है और इसकी आंतरिक बनावट पर महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शिलालेख खुदे हुए हैं।
यदि अभिलेखों को देखा जाए, तो इस धर्मस्थल में पिछली सदियों से हुए परिवर्तन और जीर्णोद्धार को देखा जा सकता है। मिस्र के इतिहास को दर्शाने वाली दीवारों पर यहां के 19वें राजवंश के दृश्य देखे जा सकते हैं। मिस्र की इस ऐतिहासिक इमारत को देखने के लिए एक बार जरूर जाना चाहिए।
हाल-सफ्लिएनी का हाइपोगियम
माल्टा (यूरोप) में स्थित हाइपोगियम (धर्म स्थल) का निर्माण लगभग 2500 ईसा पूर्व किया गया था। यह इमारत भूमिगत है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में से एक है। यहां एक विशाल हॉलवे, गुप्त कक्ष, संकीर्ण मार्ग, विशाल झूठी खिड़कियां, सजावटी द्वार, लाल भित्तिचित्र पेंटिंग और पत्थरों की नक्काशीदार छत शामिल हैं।
यहां की खोज 1902 में हुई थी और 1990 में इसे बंद कर दिया गया था। बताया गया है कि इस इमारत को अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग शताब्दियों में बनाया गया है। निचला स्तर 2500 ईसा पूर्व में बनाया गया था, जबकि केंद्र स्तर 3000 ईसा पूर्व में बनाया गया था, जबकि शीर्ष स्तर 3600 ईसा पूर्व में बनाया गया था। वर्तमान समय में यह स्थान पर्यटकों के लिए रोजाना खोला जाता है।
स्टोनहेंज, इंग्लैंड
दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड में स्थित इस इमारत को 3000 ईसा पूर्व में बनाया गया था। यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके बारे में दिलचस्प तथ्य है कि यह ऐसी संस्कृति द्वारा बनाया गया था, जिसका आज तक इतिहास में कोई लिखित प्रमाण नहीं है।
इस धर्मस्थल की विभिन्न विशेषताएं दुनिया भर में बहस का मुद्दा हैं। संरचना को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रमुख उपलब्धियों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि इसे पृथ्वी के सबसे प्राचीन देवताओं की पूजा करने के लिए बनाया गया था। वर्ष 1986 में यूनेस्को की ओर से इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
अपोलो का मंदिर, ग्रीस
ग्रीक के बीच में स्थित अपोलो का मंदिर ग्रीस के डेल्फी में स्थित है। इसका निर्माण 330 ईसा पूर्व में किया गया था। स्पिनथारस, जेनोडोरोस और एगेथॉन्स द्वारा निर्मित यह एक भूकंप से नष्ट हो गया था। इसके बाद 373 ईसा पूर्व में इसे फिर से बनाया गया। इस मंदिर के अधिकांश आंतरिक भाग अभी तक खोजे नहीं जा सके हैं। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण अंदर अपोलो के चार घोड़े हैं।
मुंडेश्वरी देवी मंदिर, बिहार (भारत)
इसे दुनिया का सबसे पुराना कार्यात्मक हिंदू मंदिर माना जाता है। यह मंदिर बिहार के कैमूर में मुंडेश्वरी देवी मंदिर के नाम से स्थित है।
हालांकि संरचना के लिहाज से यह छोटा है, लेकिन पत्थरों की नक्काशी में प्रभावशाली यह एक दिलचस्प जगह है। रिपोर्ट्स के अनुसार जाना जाता है कि बाहर से आए लोगों ने 625 ईसा पूर्व में इसे बनवाया था। यहां गुप्त काल की आकर्षक नक्काशियों को देख सकते हैं।
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