इस सीरीज में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम एकतरफा अंदाज में जीत हासिल करने की दावेदार बताई जा रही है।इसका स्पष्ट कारण यह है कि दोनों टीमों के बीच टेस्ट क्रिकेट में अंतर बहुत बढ़ गया है, भारतीय टीम इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ दुनिया की टॉप तीन टीमों में शामिल है, जबकि वेस्टइंडीज अब आयरलैंड और अफगानिस्तान से भी कम।
आज की वेस्टइंडीज टीम की स्थिति पिछली सदी में लगभग दो दशक तक क्रिकेट जगत पर हावी रही थी। इस लेख में हम कैरेबियाई टीम का रिकॉर्ड देखेंगे और भारत ने इस टीम के खिलाफ कैसा खेल दिखाया था।
वेस्टइंडीज का गोल्डन एरा : वेस्टइंडीज क्रिकेट का गोल्डन एरा 1975 से 1995 तक था
1975: ऑस्ट्रेलिया ने लॉर्ड्स में 17 रन से पहली बार वनडे चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।
1979: इंग्लैंड ने लॉर्ड्स के मैदान में 92 रन से जीता और लगातार दो वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली टीम बन गई।
1983: टीम ने लगातार तीसरे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई, लेकिन 43 रन से भारत से हारी।
1980-1995: टीम ने 15 साल तक टेस्ट सीरीज जीतीं, 29 में से 20 जीतीं और 9 ड्रॉ कराईं।
1975-1995: गोल्डन एरा ने वेस्टइंडीज में 15 सीरीज खेलीं, 14 में जीत हासिल की, एक ड्रॉ रही।
तब कैरेबियाई टीम में सर विवि रिचर्ड्स, क्लाइव लॉयड, गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हैंस जैसे बल्लेबाज थे, और बाद में ब्रायन लारा जैसे महान बल्लेबाज भी थे। तब टीम में माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर और मैलकम मार्शल जैसे गेंदबाज थे, जिनके रिटायरमेंट के बाद कोर्टनी।
1975 से 1995 तक के पीरियड में भारत और वेस्टइंडीज ने कुल 34 टेस्ट मैच खेले, जिनमें भारतीय टीम सिर्फ 5 में जीत हासिल कर सकी, 13 में वेस्टइंडीज जीता और 16 में ड्रॉ रहे। इस दौरान भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने घर में 13 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उसे सिर्फ 1 में जीत मिली, 7 में वेस्टइंडीज की टीम जीती और 5 टेस्ट ड्रॉ रहे।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच कुल 50 वनडे खेले गए थे, जिसमें 17 में भारत जीता था और 32 में वेस्टइंडीज जीता था, 1 मैच टाई हुआ था। इस दौरान भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 8 वनडे खेले थे, जिसमें 1 में जीत मिली और 7 में हार मिली।
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