
Winter Solstice: आज शुक्रवार 22 दिसंबर 2023 को साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबा रात होगा। इसको Winter Solstice भी कहा जाता है। आज के दिन मकर रेखा यानी कि ट्रॉपिक ऑफ़ कैप्रीकॉर्न पृथ्वी के सबसे पास से गुजरती है। पृथ्वी अपने एक्सिस आफ रोटेशन पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी रहती है और यह एक खगोलीय घटना होती है।
शीतकालीन संक्रांति भी कहते हैं इसे
22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है और इस दिन सूर्य की किरणें सीधे भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती है। यह किरणें सीधे ही पूरे साल में दो बार पृथ्वी पर वह मध्य रेखा से होकर पहुंचती है जो एक बार 22 दिसंबर में और दूसरी बार 21 जून को पहुंचती है।
जानिए क्या होता है विंटर सोल्स्टिस
विंटर सोल्स्टिस (Winter Solstice) पर सूर्य आकाश के माध्यम से सबसे छोटे यात्रा में रहता है। यही वजह है कि यह दिन सबसे कम सूरज की रोशनी देने वाला होता है और इसलिए सबसे लंबी रात होती है। इस दौरान करीब 16 घंटे की रात होती है और लगभग 8 घंटे का दिन होता है।
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दिन छोटा और रात लंबा होने का होता है अनुभव
कल से ठंड बढ़ जाने का अनुभव होगा साथी दिन छोटा और रात लंबा होने का अनुभव होता है। आकाश में सूर्य नीचे दिखाई देता है जिससे उसकी छाया लंबी हो जाती है। शीतकालीन संक्रांति ऐसा है जो पृथ्वी सूर्य से थोड़ा दूर झुक रही है जिसके कारण हमें वर्ष का सबसे ठंडा और सबसे अंधेरा हिस्सा मिलता है।
6 महीने के लिए बढ़ जाती है सूर्य की दूरी
बात अगर उतरी गोलार्ध की करें तो यह साल के 6 महीने सूर्य के तरफ झुक जाता है। इसकी वजह से सूर्य की अच्छी खासी रोशनी इस पूरे दौरान आती है और इस महीने में गर्मी रहती है। बाकी 6 महीना में यह क्षेत्र सूरत से दूर हो जाता है तब से ही दिन छोटा होने लगता है। इसका अपना वैज्ञानिक कारण भी होता है।
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