
Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary: सरदार वल्लभभाई पटेल जिनको लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। वे भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे और उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अविश्वसनीय संघर्ष में अग्रणी भूमिका को निभाई था।
Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary
15 दिसंबर की तारीख को इतिहास हमेशा याद रखेगा। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के रूप में इस दिन को हमेशा याद किया जाएगा। देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले वाले इस नेता का कार्य बेहद ही सराहनीय रहा और भावी पीढियों के लिए ये रोल मॉडल बन कर उभरें। सन् 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में इनका जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। अपनी कूटनीतिक क्षमताओं से सरोबार इनको सदा भारतीयों द्वारा स्मरण किया जाएगा।़
बनाया नया भारत
आज़ादी के बाद देश के नक्शे को नया स्वरूप देने वाले और देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल का अमूल्य योगदान किसी से नहीं छिपा है देश को एकजुट करके अंखण्ड भारत बनाने वाले इस शख्सियत ने राजनीतिक और कूटनीतिक क्षमताओं का प्रर्दशन करते हुए अहम भूमिका निभाई है।
भारत रत्न से थें सम्मानित
इनको इनके बहुमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार की तरफ से भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 15 दिसंबर, 1950 को अंतिम सांस ली थी। देश की एकता और अंखण्डता को एक सूत्र में बांधकर नए भारत की नींव रखने वाले इस महान् हस्ति को शत्-शत् नमन है। उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गुजरात में नर्मदा नदी के पास उनकी विशाल प्रतिमा को स्थापित किया गया है, जो आज दुनिया की सबसे उंची स्टैचु है। यहां लाखों लोग पूरे साल उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
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