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सिर्फ 30 सेंकेंड में गहरी नींद में सो जाते हैं PM मोदी, रील्स के गुलाम छात्रों को बताया सीक्रेट

'स्क्रीन टाइम' शब्द आम तौर पर उस समय को संदर्भित करता है, जो कोई व्यक्ति मोबाइल और टेलीविजन के स्क्रीन का उपयोग करके बिताता है। आजकल के युवा इंस्टाग्राम पर बिना रील्स देखे रात को सोते नहीं है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि वह बिस्तर पर जाने के 30 सेकंड के भीतर सो जाते हैं। उन्होंने छात्रों को ‘स्क्रीन टाइम’ के प्रति आगाह किया, जिससे नींद में खलल पड़ती है। नई दिल्ली स्थित ‘भारत मंडपम’ में ‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्करण के दौरान छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘स्क्रीन टाइम’ नींद के समय को खा जाता है।

उन्होंने कहा, “संतुलित जीवनशैली बनाए रखने के लिए हर चीज की अधिकता से बचना चाहिए। स्वस्थ दिमाग के लिए एक स्वस्थ शरीर महत्वपूर्ण है और इसके लिए कुछ दिनचर्या, सूरज की रोशनी में समय बिताना और नियमित और पूरी नींद लेना आवश्यक है।” उन्होंने कहा, “स्क्रीन टाइम जैसी आदतें आवश्यक नींद के समय को खा रही हैं, जिसे आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान द्वारा बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।”

बता दें कि ‘स्क्रीन टाइम’ शब्द आम तौर पर उस समय को संदर्भित करता है, जो कोई व्यक्ति मोबाइल और टेलीविजन के स्क्रीन का उपयोग करके बिताता है। पीएम मोदी ने कहा, “मैंने बिस्तर पर जाने के 30 सेकंड के भीतर गहरी नींद में जाने की दिनचर्या बनाए रखी है। जागते समय पूरी तरह जागना और सोते समय गहरी नींद लेना एक संतुलन है, जिसे हासिल किया जा सकता है।”

परीक्षा की तैयारी और स्वस्थ जीवनशैली के बीच संतुलन बनाने का मुद्दा उठाते हुए राजस्थान के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र धीरज सुभाष, कारगिल के पीएम मोदी श्री केंद्रीय विद्यालय की नजमा खातून, अभिषेक कुमार तिवारी और अरुणाचल प्रदेश के सरकारी उच्चतर माध्यमिक के शिक्षक टोबी लाहमे ने प्रधानमंत्री से व्यायाम के साथ पढ़ाई के प्रबंधन के बारे में पूछा।

पीएम मोदी ने संतुलित आहार की आवश्यकता पर बल दिया और फिटनेस के लिए नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों के महत्व पर भी जोर दिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ में पिछले छह वर्षों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं।

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कोरोना महामारी के कारण चौथा संस्करण ऑनलाइन आयोजित किया गया था, जबकि पांचवां और छठा संस्करण टाउन-हॉल प्रारूप में संपन्न हुआ था। पिछले वर्ष के संस्करण में कुल 31.24 लाख छात्रों, 5.60 लाख शिक्षकों और 1.95 लाख अभिभावकों ने भाग लिया था। वहीं, इस साल, ‘माइ गोव पोर्टल’ पर करीब 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए हैं, जो छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक उत्साह को दर्शाता है।

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